
कवर्धा। आबकारी विभाग ने कवर्धा शहर के बिलासपुर रोड में संचालित देशी-विदेशी शराब दुकान को बिना आदेश के अन्य जगह शिफ्ट कर दिया, लेकिन जहां पर दुकान शिफ्ट किया, वहां पर विरोध हुआ तो दुकान ही बंद कर दिया गया है।
बिना किसी आदेश 13 दिसंबर की रात बिलासपुर रोड स्थित शराब दुकान को बंद किया गया। यानि 14 दिसंबर से शराब दुकान बंद है, जहां प्रतिदिन करीब 15 लाख रुपए का राजस्व प्रभावित हो रहा है। इस तरह चार दिनों में 60 लाख से अधिक के राजस्व का नुकसान हो चुका है। आबकारी विभाग की मनमानी ही कहेंगे कि जब शराब दुकान को शिफ्ट किया गया। तो बिना आदेशित अवैध रूप से शराब बोतलों को खूंटू रोड स्थित शराब दुकान में रखा गया है। जबकि इसे मद्य भंडार गृह में रखना चाहिए या फिर आबकारी विभाग के केंद्र में रखना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। जबकि वहां पर सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं। इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा। राजनीतिक दबाव में आबकारी विभाग ने आनन-फानन में दुकान बंद कर दी। लेकिन दूसरी जगह शुरू करने में भी पसीने छूट रहे हैं।
सत्ता बदलते ही सब कुछ बदला
सत्ता बदलने के बाद मानो सबकुछ बदल गया। देखते ही देखते एक झटके में आबकारी विभाग ने बिलासपुर रोड के कांग्रेसी नेता की जमीन पर चल रहे शराब दुकान को बंद करा दिया है। जिसे बंद कराने में पहले एड़ी चोटी एक करनी पड़ी थी। बंद कराने के बाद दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। लेकिन वहां शराब दुकान शुरू नहीं हो सका है, वहां पहले भी शराब दुकान का विरोध हुआ था। अब फिर से शिफ्ट करने विरोध किया जा रहा है, उस जगह पर बड़ी कॉलोनी बस गई है। जहां रहने वाले लोगों को शराब दुकान का घोर आपत्ति है। आनन-फानन में शराब दुकान यहां दिया गया।
प्रतिदिन 15 लाख रुपए के राजस्व नुकसान
बिलासपुर रोड में संचालित शराब दुकान में आबकारी विभाग को तकरीबन 15 लाख रूपए के राजस्व प्रतिदिन प्राप्ति होती थी। इस हिसाब चार दिनों से बंद दुकान से सीधा-सीधा 60 रूपए का शुद्ध रूप से नुकसान हो चुका है। अभी आगे भी नुकसान का पूरा अनुमान है, क्योंकि दुकान कब से शुरू होगी, कहां नहीं जा सकता है। शराब दुकान न खुलने का फायदा शराब कोचिए उठा रहे हैं। जो औने-पौने दामों पर शराब बेच रहे हैं। 80 रूपए मिलने वाले शराब को कोचिए 100 से 120 रूपए में बेच रहे हैं। जिसे लेकर आबकारी विभाग,ना पुलिस विभाग कुछ कार्रवाई कर पा रहा है।
पहले चक्काजाम के बाद भी कार्रवाई नहीं
शहर का देशी शराब दुकान पहले खुंटू रोड में ही संचालित हो रहा था। जिसे तत्कालीन सत्तापक्ष से जुड़े कांग्रेसी पार्षद अशोक सिंह ने अपने बिलासपुर रोड स्थित भाई की जमीन में शिफ्ट करवा लिया था। जिसे हर महिनें शराब दुकान संचालन के लिए मोटी रकम किराए के रूप में मिल रही थी। साथ ही शराब दुकान परिसर में अवैध रूप से चखना सेंटर भी दबावपूर्वक संचालित किया जा रहा था, जिनसे भी मोटी रकम वसूली जाती थी। लेकिन सत्तापक्ष का दबाव होने के चलते कोई कुछ नहीं कर सका। विपक्ष के रूप में भाजपा ने शराब दुकान के पास बसे नंदी विहार कॉलोनी की महिलाओं के साथ मिलकर आंदोलन किया था। शराब दुकान के सामने बैठकर चक्काजाम, भूख हड़ताल की गई, रतजगा किया गया। कई भाजपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, लेकिन प्रशासन ने शराब दुकान को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की थी।
दुकान कब तक खुलेगी, कहां खुलेगी..?
शराब दुकान बंद होने से प्रतिदिन शासन को हो रहे राजस्व नुकसान को लेकर जब आबकारी अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई। तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया। इसके चलते दुकान कब तक खुलेगी, कहां खुलेगी। इस संबंध में जानकारी नहीं मिल पाई है।
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