माफिया से नेता बने मऊ के पूर्व विधायक मुखिया अंसारी के परिवार के सदस्य और करीबी सहयोगियों की संपत्ति आठ करोड़ रुपए की संपत्ति लखनऊ में कुर्क की गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओमवीर सिंह ने बताया, ‘मुख्तार अंसारी की मां राबिया खातून और अंसारी के करीबी सहयोगी तथा गुट के सदस्य एजाजुल अंसारी की पत्नी के नाम से लखनऊ के कास्टबाग इलाके में भेजे गए प्लॉटों को उत्तर प्रदेश गटबंद अधिनियम के तहत लिया गया है कुर्क किया गया है।’
उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई मोहम्मदाबाद के पुलिस क्षेत्राधिकारी एसबी सिंह के नेतृत्व में लखनऊ गई पुलिस टीम ने लखनऊ पुलिस आयुक्तालय की स्थानीय टीम की मदद से की। एसपी ने कहा कि अंसारी की संपत्ति की कुर्की जिलाधिकारी आर्यका अखौरी के आदेश के अनुसार दी गई। सिंह ने कहा कि मुख्तार अंसारी ने अपने गैंग की आपराधिक गतिविधियों से अपरिचित धन का उपयोग करके ये संपत्ति साझा की थी।
आरोपित है कि गाजीपुर के सांसद-लड़के गैंगेस्टर कोर्ट ने मऊ के पूर्व विधायक और बांदा जेल में बंद मुतार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इस मामले में 25 नवंबर को फैसला आया था, लेकिन अचानक याचिका अधिकारियों के नामांकन हो जाने से फैसला नहीं हो सका।
नई याचिका पर अधिकारियों के आने के बाद पहली सुनवाई शुरू हुई और 12 दिसंबर को हुई बहस ने पूरी तरह से फैसला सुरक्षित रखा। फिर 1996 में दायर 5 मामलों को लेकर बहुप्रतीक्षित जजमेंट के तहत जिलाधिकार करार दिया गया। जिरह को पूरी तरह होने के बाद कोर्ट ने महान अंसारी को दस साल की सजा सुनाई। साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया। म्यूटार के साथी भीम सिंह को भी दस साल की कैद की सजा मिली।
कुल 5 ज्ञात होने लगे थे
मामला 1996 का है। अभियुक्त मुतार अंसारी और भीम सिंह पर अधिनियम का मुकदमा गाजीपुर थाना कोतवाली में दर्ज किया गया था। गैंग में कुल 5 दस्तावेज दर्ज किए गए थे। इसमें गाजीपुर में एडिशनल एसपी पर जानलेवा हमले सहित बनारस के चर्चित अवधेश राय हत्याकांड का मुकदमा शामिल था।