200 साल से अधिक के इतिहास में जन्मदर में भारी गिरावट होने से जापान में चिंता छा गई है। साल 1899 के बाद जापान के जन्म में 5.1 प्रतिशत की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई। इसके बाद अब जापान सरकार ने जन्मदर बढ़ाने वाला मसौदा तैयार किया है। सरकार अब नवजातों की पढ़ाई-लिखाई सहित होने वाले अन्य खर्चों को स्वयं स्वीकृत करेगी।
जापान ने देश की गिरी जन्म दर से निपटने के लिए एक मसौदा नीति की रूपरेखा की घोषणा की है। इसमें छोटे बच्चों को बढ़ाना और कई बच्चों वाले संपूर्ण के लिए लाभ शामिल है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के लिए ज़िम्मेदार मंत्री मसानोबु ओगुरा नीति द्वारा प्रस्तावित पैकेज में कॉलेज शिक्षा, छात्रवृत्ति का विस्तार और एकल माता-पिता के लिए सहयोग बढ़ाना भी शामिल है।
स्नेक तक की पढ़ाई की सरकार ने जिम्मेदारी ली है
मसौदे ने कहा है कि जब तक बच्चा हाई स्कूल से स्नातक नहीं हो जाता, तब तक सरकार माता-पिता को लाभ देना जारी रखती है। जापान टाइम्स ने अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि सरकार की योजना यह है कि माता-पिता से बच्चे के पालन-पोषण में आने वाली वित्तीय समस्या को कम किया जा सकता है। मसौदे के अनुसार शिक्षा केयर सेवाओं में सुधार के प्रयासों के बीच, उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति और छात्र ऋण को कई बच्चे अपनाएंगे और कुछ बड़े प्राधिकरण के छात्रों तक बढ़ाए जाएंगे।
पीएम किशिदा की पहचान में पैनल का गठन
क्योडो न्यूज की रिपोर्ट में प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने अप्रतिबंधित कदम के प्रस्तावों को लेकर शुक्रवार को कहा कि सरकार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए स्वयं की अध्यक्षता में एक नया पैनल गठित करेगा, जिसका उद्देश्य बच्चों के लिए बजट तय करना है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, जापान में पिछले साल जन्म दर में 5.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। 1899 में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद जन्म दर में पहली बार इतनी गिरावट आई है। स्थानीय मीडिया रिपोटरें के अनुसार, जून में होने वाले ड्राफ्ट मानकों में नई आर्थिक और गठित नीतियां शामिल होंगी।
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