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उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती जोशीमठ में भूस्खलन के बीच 84 गर्भवती महिलाएं

जोशीमठ में जारी 84 प्रेक्षित महिलाएं - India TV Hindi

छवि स्रोत: फ़ाइल
जोशीमठ में जारी है 84 भविष्यवाणी महिलाएं

मां हर तरह से महिला के जीवन का सबसे सुखद अनुभव होता है, लेकिन जोशीमठ में महिलाओं को भविष्यवाणी करते हैं न सिर्फ अपने बल्कि अपने अजन्मे बच्चे के भविष्य की चिंता में घुली जा रही हैं। वहीं जोशीमठ के लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। हर दिन उनके सामने एक नई समस्या खड़ी हो जाती है। शहर आपदा से प्रभावित है, जिसके चलते वो महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान हैं यह सुनिश्चित करने के लिए अगले एक महीने में जन्मतिथि है। मुश्किल की इस घड़ी में स्वास्थ्य विभाग महिलाओं की हर संभव मदद कर रहा है। वो अवसाद का शिकार न हों, इसका ध्यान रखा जा रहा है। महिला चिकित्सक उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं के जन्मपत्र गोपेश्वर में जांच करेंगे।

सुरक्षित जन्म के लिए यहां तीन एंबुलेंस और 108 सेवा की एंबुलेंस के चौबीस घंटे के लिए फिर से खोल दी गई

पूरे जोशीमठ में अभी 84 प्रेग्नेंट रह रहे हैं, जिनमें से 18 महिलाएं ऐसी हैं, असली जन्म 15 फरवरी तक होना चाहिए। यहां सुरक्षित जन्म के लिए तीन एंबुलेंस और 108 सेवा की एंबुलेंस को चौबीस घंटे के लिए फिर से खोल दिया गया है। प्रसूतों को सीधे उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग और जिला चिकित्सालय गोपश्वर शिफ्ट करने की व्यवस्था की गई है। स्थिति इसलिए भी मुश्किल बने हुए हैं, क्योंकि जोशीमठ के स्वास्थ्य केंद्र में न तो सर्जन है और न ही महिला चिकित्सक। अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का प्रभार डॉ. ज्योत्सना नैथवाल ने बताया कि जोशीमठ शहर में ज्यादातर प्रेग्नेंट हैं, जिनके घर में भूधंसाव की जड़ आ गई है। आपदा प्रभावित क्षेत्र में प्रेग्नेंसी महिलाओं की लगातार संपर्क की जा रही है। अगर किसी भविष्यवाणी को थोड़ी भी परेशानी होती है, तो उसे सीधे कर्णप्रयाग या गोपेश्वर ले जाने की व्यवस्था की गई है।

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