
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा केस में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद 7 महीने बाद जेल से रिहा कर दिया गया। यादव को 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली थी, जिसके बाद वे रायपुर सेंट्रल जेल से बाहर आए। उनके साथ भीम आर्मी प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चतुर्वेदी समेत 112 लोगों को भी हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।
रिहाई के बाद सीधे भिलाई जाएंगे विधायक यादव
जेल से बाहर आते ही देवेंद्र यादव के समर्थकों की भारी भीड़ उनका स्वागत करने के लिए जुटी। रिहाई के बाद देवेंद्र सीधे भिलाई के खुर्सीपार जाएंगे, जहां उनके सम्मान में एक विशाल स्वागत समारोह आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम में बलौदाबाजार हिंसा मामले में रिहा हुए सतनामी समाज के लोग, यादव समाज के प्रतिनिधि और अन्य समर्थक शामिल होंगे।
17 अगस्त से जेल में थे देवेंद्र यादव
देवेंद्र यादव को 17 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद थे। इस दौरान उनके समर्थकों और कई सामाजिक संगठनों ने उनकी रिहाई की मांग की थी। 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिलने के बाद, यादव के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और उनकी रिहाई के लिए तैयारियां शुरू कर दी गईं।
भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष समेत 112 लोगों को मिली जमानत
बलौदाबाजार हिंसा केस में ही भीम आर्मी प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चतुर्वेदी और 112 अन्य लोगों को भी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। इससे पहले, इस मामले में 60 से अधिक आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जा चुका था, लेकिन कई अब भी जेल में बंद हैं।
क्या है बलौदाबाजार हिंसा मामला?
बलौदाबाजार में 15 और 16 मई 2024 की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों ने गिरौधपुरी धाम में सतनामी समाज के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी। इस घटना के विरोध में 10 जून को हजारों लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया, जो बाद में हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी की थी, जिससे 12.53 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था।
समर्थकों में खुशी की लहर, जश्न की तैयारी
देवेंद्र यादव की रिहाई को लेकर उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है। रायपुर से भिलाई तक उनके स्वागत के लिए रैली निकाली जाएगी और खुर्सीपार में विशाल सभा का आयोजन किया जाएगा। समर्थकों का कहना है कि यह न्याय की जीत है और वे अपने नेता के साथ मजबूती से खड़े हैं।













