














UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित ₹2161 करोड़ के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाने के बाद ED ने कवासी लखमा को गिरफ्तार कर जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया। ED ने 14 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन सुनवाई के बाद लखमा को 7 दिन की रिमांड पर भेजा गया है।
28 दिसंबर को हुई थी छापेमारी
ED ने 28 दिसंबर को लखमा और उनके बेटे के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें नकद लेनदेन से जुड़े सबूत मिले। इसके बाद 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ा गया था। अब मामले में ED ने जांच को आगे बढ़ाते हुए लखमा से सीधे पूछताछ का फैसला लिया है।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
इस घोटाले का खुलासा 11 मई 2022 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में आयकर विभाग द्वारा दायर याचिका में हुआ था। आरोप है कि छत्तीसगढ़ में रिश्वतखोरी, दलाली और अवैध वसूली के जरिए करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया। PMLA एक्ट के तहत 18 नवंबर 2022 को मामला दर्ज किया गया, जिसमें अब तक ₹2161 करोड़ के घोटाले का खुलासा हो चुका है।
कैसे हुआ घोटाला?
चार्जशीट के अनुसार, देशी शराब के हर केस पर ₹75 का कमीशन वसूला गया। यह कमीशन एक्सेल शीट के माध्यम से अनवर ढेबर तक पहुंचाया गया। आरोप है कि इस घोटाले से राज्य को भारी राजस्व नुकसान हुआ और एक आपराधिक सिंडिकेट के जरिए भ्रष्टाचार का पूरा जाल तैयार किया गया।
इस मामले में ED अब तक कई बड़े नामों से पूछताछ कर चुकी है, जिनमें पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, और अरुणपति त्रिपाठी शामिल हैं। अब कवासी लखमा की गिरफ्तारी इस मामले में एक बड़ा मोड़ है।ED की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस घोटाले में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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