राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस नेता वालिद अली गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की याचिका खारिज कर दी जिसमें उनसे संबंधित एक कंपनी द्वारा बीकानेर में भूमि खरीद प्रकरण को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया था । कॉमरेड पी.एस. भाटी की अदालत ने हालांकि वाड्रा को थोड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक को दो और सप्ताह तक बढ़ा दिया ताकि वह उच्च न्यायालय में अपील कर सकें।
बीकानेर में 275 बीघा में जमीन हड़पने का मामला
कांग्रेसी नेता क्रिकेटर गांधी के पति वाड्रा से जुड़ी कंपनी ‘स्काई लाइट हॉस्पिटैलिट एल.पी.’ द्वारा बीकानेर के कोलायत में जमीन लेने से संबंधित मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। कोलायत में 275 बीघा जमीन की खरीद से जुड़ी शिकायतों के आधार पर ईडी ने एक प्रवर्तन मामला रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी। इस लैंड रॉबर्ट वाड्रा की ओर से दिए गए चेक का इस्तेमाल कथित तौर पर एक अनुबंध के ड्राइवर महेश नागरिक के नाम पर किया गया था। ईडी का पक्ष रख रहे अतिरिक्त वकील जनरल आर.डी.रस्तोगी ने कहा कि ईसी इररशिप करने की वाड्रा की याचिका को खारिज कर दिया गया है।
रॉबर्ट की मां मोरीन वाड्रा को भी राहत नहीं मिली
एडी ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मॉरीन वाड्रा को नवंबर 2018 में समन ने जारी किया था, जो कथित तौर पर स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलबी में पार्टनर हैं, लेकिन उनमें से किसी ने भी एजेंसी के सामने पेश नहीं किया। इसके बजाय, उन्होंने “कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं” संबंधी आदेश और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया। अतिरिक्त सॉसिटर जनरल की ओर से याचिका का विरोध किया गया था। उन्होंने कहा था कि 2018 से एक एकल रोक लागू किया गया था और रॉबर्ट वाड्रा के दावों में पूछताछ के लिए ईडी द्वारा आवेदन किया गया था।
रस्तोगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ईडी के पक्ष में पहले ही फैसला कर दिया था। रस्तोगी ने दलील दी कि ईडी की कार्रवाई को चुनौती देने के कारण रिटेन याचिका दायर करना अदालत की प्रक्रिया का तरीका है और यह धन शोधन का मामला है। राजस्थान हाई कोर्ट में धनशोधन मामले में बुधवार को पूरी सुनवाई हुई और गुरुवार को फैसला सुरक्षित रखा गया।