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छत्तीसगढ़ में सरकार को अस्थिर करने के लिए ईडी को भेजा गया : भूपेश बघेल

बघेल ने कहा कि पिछले एक महीने में छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर घूमते हुए मारने के बावजूद ईडी ने अभी तक इस बारे में कुछ भी खुलासा नहीं किया है कि उसने अपनी कार्रवाई से क्या बरामद किया है।

छत्तीसगढ़ के श्री भूपेश बघेल ने राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अभिलेख को ”राजनीति से प्रेरित” करार दिया है। भूपेश बघेल ने रविवार को आरोप लगाया कि चूंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनकी सरकार को गिराने का कोई प्रयास भी नहीं कर सकी, इसलिए अब केंद्रीय एजेंसी के नशे के माध्यम से वह इसे स्थिर करने का प्रयास कर रही है। बघेल ने कहा कि पिछले एक महीने में छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर घूमते हुए मारने के बावजूद ईडी ने अभी तक इस बारे में कुछ भी खुलासा नहीं किया है कि उसने अपनी कार्रवाई से क्या बरामद किया है।

अजमेर ने यहां पुलिस लाइन्स में हेलीपैड पर मैसेज को मैसेज करते हुए यह बात कही। हाल ही में राज्य में शराब कारोबारियों और अन्य लोगों पर ईडी के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, ”पिछले एक महीने में देश में सबसे ज्यादा अकाउंट छत्तीसगढ़ में हुआ है। चूंकि, कांग्रेस का पूर्णावरोध रायपुर में हुआ था, इसलिए केंद्रीय एजेंसी द्वारा 50 से अधिक स्थानों की तलाशी ली गई थी। लेकिन, इन कार्रवाइयों के दौरान मुख्य बिंदुओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ईडी ने यह खुलासा नहीं किया कि उसने व्यवसायियों या उद्योगपतियों से कितना पैसा बरामद किया है।”

भोपाल ने कहा,”हमारे पार्टी कार्यकर्ता गिरीश देवांगन, सन्नी सुशील अग्रवाल, विनोद तिवारी और रामगोपाल अग्रवाल के यहां भी हाइलाइट किया गया, लेकिन उनके पास से जो बरामद हुआ, उसकी पहचान नहीं हो रही है। इसका मतलब यह है कि यह राजनीति से प्रेरित है। यह राज्य सरकार को स्थिर करने का प्रयास है। केंद्रीय एजेंसी का नशा किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, ”देश के अलग-अलग राज्यों से ईडी के अधिकारी यहां पर रोक लगाए गए हैं। अगर सरकार हमारी थोड़ी बहुमत में होती है, तो वे हमारे देखने की खरीद-फरोख्त की कोशिश करते हैं। लेकिन, हमें 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में 71 सीटों का भारी बहुमत मिला है, इसलिए वे (भारतीय जनता पार्टी) ऐसा प्रयास करने में विफल रहे हैं। लेकिन, अब ईडी का सेवन किया जा रहा है।” ईडी छत्तीसगढ़ में एक कथित करार करार धनशोधन मामले की जांच कर रही है और पिछले छह महीनों में राज्य सरकार के कई अधिकारियों के अलावा कारोबारियों और संबद्ध कांग्रेस के नेताओं से जुड़े हुए हैं। मारे गए।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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