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ज़ीरम कांड पर बरसे भूपेश बघेल बोले- बीजेपी की तानाशाही रमन्ना और गणपति को क्यों बचाए, सरकार बनने पर सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के निर्वाचित भूपेश बघेल गुरुवार को बस्तर दौरे पर हैं। वे ज़ीरम हमले की दसवीं फ़िल्म में आयोजित समारोह में शामिल होने बस्तर आए। सीएम बघेल आज संभागीय मुख्यालय जगदलपुर के झीरम मेमोरियल में पहुंचे और कारनामे की घटना में मारे गए नेताओं और सील को श्रद्धांजलि दी। साथ ही उनके परिजनों से भी मिलते हैं। इस दौरान सभा को संदेश देते हुए बड़ा बयान दिया है। वे झीरम मामले में हुई एफआईआर से खूंखार शराबियों के नाम हटाने के गंभीर आरोप केंद्र सरकार पर विचार कर रहे हैं। सीएम बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बेहद हल्के-फुल्के सिस्टम से आरोप लगाती है कि झीरम हमलों को लेकर भूपेश बघेल के पास जो जानकारी है उसे वे देंगे। विषय बहुत गंभीर है, लेकिन जिस लाइटिंग सिस्टम से बीबीसी इस पर सवाल कर रहा है, वो दुर्भाग्यजनक है।

एफआईआर में व्यापक अंर्तविरोध किया गया है
साइट ने घटना का जिक्र करते हुए कहा कि झीरम हमलों से पूरा देश दहल गया था। विश्व राजनीति के इतिहास में बड़े राजनेताओं का एक साथ नरसंहार पहली बार हुआ था। उस समय अख़बार यूपीए की सरकार ने एनआईए की जांच की स्थापना की थी। उसी राज्य सरकार ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था। एनआईए की जांच शुरू हुई और उस समय जिस समय प्राथमिकी दर्ज की गई, उसमें व्यापक गड़बड़ी हुई। वर्ष 2014 अगस्त तक उस स्थिति में रमन्ना और गणपति के नाम का उल्लेख था। इसमें उनके संपत्ति कुर्क करने का आदेश था। थोड़े एसेट कुर्क को भी छोड़ दिया गया। बघेल ने कहा कि, सितंबर 2014 में NIA ने जब कोर्ट में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की, तब आश्चर्यजनक तरीके से रमन्ना और गणपति का नाम शामिल नहीं था। फाइनल रिपोर्ट में भी उनका नाम शामिल नहीं था।

मोदी सरकार ने रमन्ना और गणपति को क्यों बरकरार रखा?
जॉब ने तयवर में सवाल किए हुए कहा, भाजपा की मोदी सरकार ने रमन्ना और गणपति को क्यों रखा?उनसे पूछताछ क्यों नहीं की गई? अगर एफआईआर में किसी अपराधी का नाम दर्ज होता है तो वह हटता नहीं है। बीजेपी बताए कि नाम क्यों हटाएं और उन्हें क्यों छोड़ना चाहते हैं? जांच के लिए जो कमीशन किया गया उसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को देकर न सीधे राज्यपाल को दी गई। इसके बाद कांग्रेस ने भी एक जांच आयोग का गठन किया। इसे रोकने के लिए धरमलाल कौशिक ने स्टे लगाया। ये जांच में रुकावट डाल रहे हैं। ये वही धर्मलाल कौशिक हैं जो नान घोटाले में भी खड़े होकर बैठे हैं। डॉ. रमन सिंह के खास धर्मलाल हर मामले में स्टेट हो जाते हैं। हम जांच के लिए एसआईटी बनाती हैं तब एनआईए स्टे ले लेती है।

बीजेपी जांच में बाधा उत्पन्न कर रही है
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि व्यापक षडयंत्र पर जांच चल रही थी, जैसे यूपीए की सरकार हटी और एनडीए की सरकार आई, मोदी बने प्रधानमंत्री, तब इसे परिणामकारण्य कमेटी की घटना की मानक जांच खत्म कर दी गई। उन्होंने कहा, भाजपा जांच में बाधा उत्पन्न कर रही है। जांच आगे नहीं बढ़ रही है और हमें जांच करने नहीं दे रहे हैं। आखिरी बयान पर एनआईए के अधिकारियों ने गणपति और रमन्ना का नाम हटाया, बीजेपी ने दिया जवाब। जिस दिन केंद्र में हमारी बनी सरकार उस दिन सभी दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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