अटल बिहारी वाजपेयी जयंती: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी टैग का मध्य प्रदेश से गहरा नाता रहा है। यही कारण है कि प्रदेशवासी अटल को अपना मानते हैं। टैग के नाम पर हिंदी विश्वविद्यालय है। पूर्व प्रधान मंत्री के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल (मंगुभाई पटेल) ने डिग्री का वितरण किया। राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में समारोह का आयोजन हुआ। राज्यपाल ने कहा कि समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी बनने में करुणा, संवेदना, दया, अपनापन, प्रेम, त्याग, समर्पण, निष्ठा आदि मानव गुणों का विकास होना अत्यंत आवश्यक है। विद्यार्जन के दौरान प्राप्त ज्ञान को हमेशा ही अपने आचरण में रखें और समाज के लिए उपयोगी बनने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है।
संस्कार ही किसी छात्र की असली और सच्ची संपत्ति-राज्यपाल
राज्यपाल पटेल ने कहा कि अटल जी में न केवल शिक्षा के नए आदर्शो को विकसित करने की दूरदृष्टि थी, हिंदी भाषा के ध्वज को अनंत तक ले जाने का जाप एवं दृढता भी थी। उनमें से अपने विशिष्ट विचार और पवित्र प्रभावों को व्यवहार में हड़ताली की अद्भुत क्षमता थी। गवर्नर पटेल ने कहा कि संस्कार ही किसी छात्र की वास्तविक और वास्तविक संपत्ति है। आज थिंकजन और यंग जनरेशन को अपने चरित्र और ज्ञान के बीच एक संतुलन को साधकर अपनी बात रखनी होगी।
वैश्वीकरण के दौर में हम केवल स्वयं के प्रति ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता के प्रति प्रतिदेह हैं। राज्यपाल पटेल ने स्नातक एवं स्नातक डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को बधाई एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि प्राप्त ज्ञान का राष्ट्र, समाज, मानवता की वजह एवं कल्याण के लिए उपयोग करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ने हिंदी विश्वविद्यालय के कार्य की जांच की
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव (उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव) ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के मूल्यों पर आधारित भारत की गौरवशाली संस्कृति, महापुरूषों के जीवन चरित्र को पाठ्यक्रम में शामिल करने का शानदार काम विश्वविद्यालय ने किया है। मध्य प्रदेश हिंदी भाषा पर आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के संचालन में अग्रणी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी सदस्यों पर मध्य प्रदेश प्राथमिकता से काम कर रहा है।
राष्ट्रीय सचिव शिक्षा एवं संस्कृति उत्थान न्यास अतुल कोठारी ने छात्रों को स्वाध्याय की वृत्ति बनाए रखें, विकास की प्रक्रिया में जीवन पर्यन्त के चलते रहने के लिए प्रेरित किया। कुलपति प्रो खेम सिंह डहेरिया ने हिंदी यूनिवर्सिटी की तरफ से इनोवेशन और अब तक किए गए काम की जानकारी दी। उन्होंने अपना स्वागत उद्भोदन और छात्रों को दीक्षांत उपदेश भी दिया। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव यशवंत सिंह पटेल ने किया।