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भूत है या नहीं है, मस्ती में पता चल रहा है ‘भूत पुलिस’ – News18 हिंदी

लेखक पवन कृपलानी का मानना ​​है कि हॉरर फिल्मों में कई सारे एक्सपेरिमेंट आ सकते हैं। चूंकि भारत में अभी तक मेंटल हेल्थ को एक बड़ा डैमेज के तौर पर नहीं देखा जाता (किडनैप और सीरियल किलर) और अब पुरानी हवेलियां भी खत्म हो चुकी हैं (लोकेशन हॉरर) इसलिए भारत में हॉरर को रोमांस, फैमिली, लव और सबसे अच्छी कॉमेडी के साथ जोड़ कर प्रस्तुत किया जा सकता है। उनकी पहली रिलीज फिल्म ‘भूत पुलिस’ में कॉमेडी और हॉरर का शानदार कॉकटेल पेश किया गया है। ऑडियंस को मज़ा आएगा। कुछ जगह पर रेडियो के झटके वाले जोक्स भी हैं जिस से शहरी ऑडियंस को भी हंसी आती रहती है। हॉरर घिनौना नहीं है इसलिए देखो है।

डिज़्नी+हॉटस्टार पर मल्टीचर्चित घोस्ट पुलिस रिलीज़ हुई। इसकी शूटिंग के किस्से कई महीनों से छपे हुए थे। कभी अर्जुन कपूर और मलाइका अरोड़ा के तो कभी सैफ और करीना के साथ शूटिंग करते हुए धर्मशाला में छुट्टियां मनाते हुए। एक तांत्रिक पिता के दो बेटे हैं- विभूति पांडे (सैफ) और चिरौंजी पांडे (अर्जुन)। बड़े बेटे ने दुनिया देखी और तांत्रिक बने वो एक दुर्घटना का तांत्रिक बन गया। छोटा वाला, गोल्डिस्ट मेडल तांत्रिक है और आज भी भूत-प्रेम में विश्वास रखता है। पिता की दी गई मंत्रों की किताब की मदद से वो माया (यामी गौतम) की टी-एस्टेट में भूतनी किचकांडी को उत्साहितना चाहता है। यामी की बहन जैकलिन दिन भर में वीडियो बना लेती है और उसके मैनेजर जीएम हरी सिंह (स्वर्गीय अमित मिस्त्री) की मदद से किचकांडी का डर फैलने लगता है। आगे क्या होता है ये देखते हैं।

सैफ अली खान को अब सितारों का दर्जा दिया जाना चाहिए। सैफ ने इस के पहले ज़ॉम्बी कॉमेडी “गोवा गाँव” में ज़ॉम्बी किलर का रोल किया था। इस फिल्म में लडक़ी, शराबी और पैसे कमाने के जुगाड़ में रहने वाले एक ही स्थिति में रहने के तांत्रिक की भूमिका उन्होंने कई ही धाकड़ अंदाज में निभाई है। इस अभिनेता सैफ की यात्रा आपके काबिल होने की उम्मीद है। अर्जुन कपूर की कद काठी किसी तरह से किसी तांत्रिक की संभावना नहीं है और अभिनय का ये रंग वे होते ही तो बेहतर हैं। वो इश्कादे या तेवर जैसी फिल्मों में सीधी नजर आती हैं इसी तरह इस फिल्म में जुड़ जाती है। यामी गौतम और जैकलीन, दोनों ही कुछ विशेष दृश्यों में नहीं हैं, फिल्म में उनकी भूमिका अधपकी है। फिल्म सिर्फ सैफ के दम पर ही देखी जा सकती है। जैकलिन के मैनेजर के रोल में मिस्त्री हैं इस दिन ये शायद आखिरी फिल्म थी, क्योंकि उनका असमय दिल का दौरा पड़ने से शरीरसान हो गया था। जावेद जाफरी ने फिल्म के साथ न्याय नहीं किया है। उनका रोल या तो और बड़ा होना चाहिए या उनका रोल होना ही नहीं चाहिए था।

अच्छी बातों में ये है कि इस फिल्म में हिन्दू धर्म के उपहास को पूरी तरह से साफ तौर पर परखा गया है। जो मंत्र भी पढ़े गए हैं वो काल्पनिक हैं और किसी देवी-देवता का आवाहन नहीं किया गया है। दूसरा, फिल्म का डायलॉग सुमित भटेजा ने लिखा है जो कि बड़े ही चुटीले हैं। सैफ की कॉमिक टाइमिंग की वजह से ये डायलॉग हंसाते हैं। मसलन 2000 के नोट, सुना है 500 और 1000 के नोट बैन हो जाते हैं। पूरा गांव मिल कर गोरोना के तर्ज पर गो किचकंडीगो मंत्र का जाप करते हैं। कई जगहों पर अन्धविश्वास को चुनौती देने का काम भी किया जाता है और भाषण से बचे रहते हैं। फिल्म में मनोरंजन भरपूर है लेकिन फिल्म लंबी है। थोड़ा धैर्य रखना है। सैफ और अर्जुन जिस रिकरीशनल गाड़ी में सफर करते हैं वो बड़ा मज़ेदार नज़र आता है, उस गाड़ी को भी फिल्म में एक किरदार के तौर पर दिखाया जा सकता था।

सचिन जिगर का म्यूजिक ठीक ठाक है और गाया हुआ घोस्ट पुलिस” वाले गानों में बड़ी ऊंचाइयों के बाद सुनिधि चौहान को अच्छा लगता है। कुल जमा तीन ही गाने हैं और इससे ज्यादा की गुंजाईश भी नहीं थी। निर्देशन पवन ने अपने करियर की सबसे पहली स्क्रिप्ट भूत पुलिस ही लिखी थी लेकिन किस्मत ने उन्हें पहले रागिनी एमएमएस, डर@द मॉल और डर जैसे हॉरर फिल्मों के बाद भूत पुलिस बनाने का मौका मिला। पहले देवाशीष मखीजा, फिर अनुवब पाल, और अंत में सुमित भटेजा और पूजा लड्ढा सूरती के साथ मिल कर फाइनल स्क्रिप्ट लिखी गई इसलिए हर लेखक का थोड़ा सा हिस्सा फिल्म में अभी भी मौजूद है। लोकाधा सूरती (अंधाधुन, जॉनी गद्दार, रागिनी एमएमएस) एक सबसे कठिन हैं इसलिए इस फिल्म में रफ़्तार अच्छी है। दर्शन बंधे हुए हैं क्योंकि चुटीली बातचीत या कोई और खास हिस्सा मिस न हो जाए। हॉरर फिल्मों जैसे डरावने दृश्य नहीं रखे जाते हैं और क्रेडिट दिया जाना चाहिए सिनेमेटोग्राफर जयकृष्ण मिस्मादी को जो अपने ज्यादातर समय दक्षिण की फिल्मों को शूट करने में लगे रहते हैं।

सैफ का अभिनय और कॉमिक टाइमिंग देखने के लिए एक अच्छी स्क्रिप्ट के लिए और नए जमाने की डरावनी कॉमेडी देखने के लिए भूत पुलिस को मिस नहीं करना चाहिए।

विस्तृत रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

टैग: अर्जुन कपूर, भूत पुलिस, छवि समीक्षा, जैकलीन फर्नांडीज, सैफ अली खान, यामी गौतम

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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