लेटेस्ट न्यूज़

पचमढ़ी में भोले बाबा के भक्तों की गूंज, निकली भारी भीड़, सावन शुरू होने से पहले ही भोले के जयकारों से निकली पचमढ़ी

पचमढ़ी का चौरागढ़। वैसे तो इस साल सावन का प्रारंभ 4 जुलाई से 31 अगस्त तक हो चुका है लेकिन सावन पहले ही पर्वतीय स्थल पचमढ़ी में स्थित भगवान शिव के मंदिर में शुरू हो गया है जिसे देखने के लिए भक्तों की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ रही है। पचमढ़ी में स्थित भगवान शिव का मंदिर सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में चौरागढ़ पर्वत पर मौजूद है यह सालभर ही भोले के भक्तों से भरा रहता है। सावन में आने वाले भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है।

आज भी मढ़ी के जंगल में आठवीं शताब्दी के मंदिर के साक्ष्य मौजूद हैं

भारतीय सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता है और इसके प्रमाण कहीं न कहीं मिलते हैं। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मढ़ी क्षेत्र में जंगल के बीच झुनझुनी महल नामक एक मूर्ति से बना हुआ मंदिर मौजूद है। ज्योतिषियों की राय तो यह मंदिर और इसमें मौजूद शिल्पकला 8 से 9वीं शताब्दी का बताया गया है। यह मंदिर बड़े-बड़े टुकड़ों में बनाया गया है और इसमें एक महिला की भी पूजा की गई है।

सावन का पहला सोमवार कब है

पंचांग के अनुसार इस वर्ष सावन का मान 4 जुलाई से प्रारंभ होकर 31 अगस्त तक रहेगा। इस साल सावन 59 दिन का होगा। पंचांग के अनुसार, 19 साल बाद बन रहा है ऐसा योग जब सावन में बन रहा है बहुत ही खास संयोग। जिसमें 8 सोमवार को व्रत रखेंगे। सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई और आखिरी सोमवार 28 अगस्त को मनाया जाएगा।

सावन के सोमवार की व्याख्या क्या है?

दस्तावेज़ में यह बताया गया है कि सावन के सोमवार का व्रत रखना सभी के मन को भाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं को जरूर करना चाहिए। इस व्रत को करने से सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत में अगर कुंवारी कन्याएं लिखी जाती हैं तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।

सावन में ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

सावन के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करें।
इसके बाद शिव मंदिर या घर में शिवलिंग पर गंगाजल या दूध चढ़ाएं।
इसके बाद फूल-फल भगवान को समर्पित कर दे
वैलाइवा पर बेलपत्र चढाने की व्याख्या है।
भोलेनाथ की पूजा कर पवित्र मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करें।
भगवान शिव के नाम महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करें
इसके बाद भगवान से अपने मन के लिए भगवान से प्रार्थना करें।
 

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page