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जालसाजों से सावधान, अस्‍पताल में भर्ती थी कंपनी की डायरेक्‍टर, फायदे से गायब हो गए थे 26.5 लाख, बैंक ने छोड़ दिया हाथ

साइबर अपराध : एक तरफ डिजिटल बैंकिंग और ऑनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इंटरनेट बैंकिंग के जरिए धोखाधड़ी के मामले आगे बढ़ रहे हैं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जब पीड़ित ने अपनी शिकायत दर्ज बैंक खाते में दर्ज की, तो बैंक भी इस तरह की घटनाओं के लिए हाथ अलग कर लेता है। बाद में अगर शिकायत भी दर्ज हो जाती है, तो बैंक 45 से 60 दिनों तक इसकी जांच करता है। इतने दिनों में जालसाज अकाउंट से पैसे निकालते हैं। यही कारण है कि आए दिन बैंक खाते से रकम निकलने की घटनाएं सामने आ रही हैं।

ताजा मामला नोएडा की एक कंपनी है। कंपनी की डायरेक्‍टर अस्‍पताल में भर्ती और अपना इलाज कर रही थीं। जालसाजों ने फर्जी तरीके से अपने अकाउंट से 26.5 लाख रुपए उड़ाए, जब उन्हों इस घटना का पता चला तो उनके पैर जमीन पर खिसक गए।

कंपनी के अकाउंट से निकल गए 26.5 लाख रुपये

नोएडा सेक्टर 8 साइट पर फिनटेक कंपनी ने 19 के अकाउंट सेक्‍टर 18 के एक निजी बैंक में निवेश किया है। इस कंपनी की डायरेक्‍टर महक तोमर की तबियत कई दिनों से खराब थी, जिसके बाद उन्नीसवीं नोएडा के ही एक निजी अस्‍पताल में भर्ती की जांच की गई। जहां उनका इलाज चल रहा था। अभी वह अपने स्वास्‍थ्‍य से जूझ ही रहे थे कि शुक्रवार की सुबह उनकी कंपनी के अकाउंट से 26.5 लाख रुपये निकाल लिए गए। खास बात यह है कि इस पैसे के ट्रांजेक्शन के लिए महक तोमर के पास न तो किसी तरह का ओटीपी आया और किसी तरह के फॉर्मो की जानकारी नहीं मिली। आनन फानन में तबीयत खराब होने पर पीड़िता को मजबूरी में खुद को अस्पताल से आवेदन मांगना पड़ा।

बैंक की जांच में खुला राज

जब उन्‍हें मैसेज के माध्‍यम से यह पता चला तो उन्‍हें बैंक के कस्‍टमर केयर में फोन के जरिए संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उस समय बैंक के कस्‍टमर केयर से भी बातचीत नहीं हो सकी। जिसके बाद उनके परिजन बैंक के सेक्टर 18 लिंक पर पहुंचे, जहां उन्नीस बैंक वालों को सभी घटना बताई गई। बैंक ने जब संबंधित खाते की जांच की तो पता चला कि कंपनी के खाते से कुल तीन बार खाते में परिवर्तन किए गए हैं। 21 लाख रुपए किसी सुधीर कुमार सिंह के अकाउंट में जबकि 5.5 लाख रुपए संजीत शर्मा नाम के शख्स के अकाउंट में लोकेशन किए गए हैं। इसके बाद बैंक कर्मियों ने कंपनी के अधिकारियों को यह बात बताई तो पता चला सुधीर कुमार सिंह कंपनी में ही पहले फ्रीलांस के तौर पर काम करता था और अब वह बिना बताए फर्जी तरीके से कंपनी के अकाउंट से ये पैसे अपने अकाउंट में रखता है और 5.5 लाख रुपए संजीत शर्मा के खाते में स्पॉट होने वाले हैं। इतना ही नहीं एक दशक से पैसे की वसूली नहीं हो सकती है, इससे मित्रता के लिए उसने अपने खर्चों से अपनी पत्नी के लाभों को आवंटित कर दिया है।

साइबर क्राइम में की शिकायत

बैंक ने जांच पड़ताल के बाद शिकायत तो ले ली, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में समय लेने की बात कही। बैंक इस बात का भी कोई जवाब नहीं दे पाया कि ब्लॉगर यूजर पासवर्ड और ओटीपी के साथ इतनी बड़ी राशि का अकाउंट अकाउंट में अकाउंट अकाउंट कैसे हुआ। बैंक पीड़िता को यह भी अश्वासन न दे सका कि आगे से वह बग ओटीपी के इस तरह के ट्रांजेक्शन नहीं होगा। बहरहाल, बैंक में दाखिल कार्रवाई न होते हुए महक तोमर ने दस्तावेजों की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करना चाहा लेकिन प्राधिकरण की वेबसाइट भी काम नहीं कर रही थी। थक हार कर पीड़िता ने नोएडा साइबर सेल में अपनी शिकायत दर्ज की, जिस पर साइबर क्राइम के एसआई बलजीत सिंह ने खाते में खाते को सीज कर दिया। एक्सेंसिस मूल रूप से बिहार के पर्लहारी का रहने वाला है और वह दिल्ली में आने वाली नौकरी करता था।

टैग: साइबर अपराध, साइबर अपराध समाचार, नोएडा क्राइम न्यूज

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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