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नौ मामलों में SC का फैसला और केंद्र सरकार के फैसले के बीच पूरा मामला, जानें इस दौरान क्या हुआ। पूरा मामला सेवा मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बीच का है

छवि स्रोत: फ़ाइल
दिल्ली के सीएम और एलजी

नई दिल्ली: एससीओ विभाग पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही दिल्ली के एलजी और चार्जर सरकार के बीच अतिरिक्त जानकारी शुरू हो गई थी। निर्णय आने के तुरंत बाद दिल्ली सरकार ने सर्विसेज विभाग के सचिव आशीष माधोराव मोरो को पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया था और एक सिंह को नौ का सचिव नियुक्त कर दिया था। लेकिन इस आदेश को तुरतं लागू नहीं किया गया। तर्क ये दिया गया कि 2013 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार किसी भी आईएएस अधिकारी को समय से पहले पद से हटाने के लिए सीएसबी (सिविल सर्विस बोर्ड) में फैसला होना चाहिए, जहां ये बताया जाएगा कि अधिकारी को क्यों हटाया जा रहा है, और वो अधिकारी भी बोर्ड के सामने अपना पक्ष रखते हैं।

दरअसल बोर्ड की बैठक बुलाई गई, उसके बाद सरकार के इस फैसले को मंजूरी देने के लिए एलजी के पास भेज दिया गया। दूसरे दिन भी जब एलजी ने मंजूरी नहीं दी तो दिल्ली सरकार के 5 मंत्री एलजी हाउस पर धरने पर जाकर बैठ गए। लदान घंटे के बाद एलजी ने मिनिस्टर को मिलने के लिए कॉल किया। इसी बीच केंद्र सरकार ने एक पत्ते जारी कर दिया। जिसके अनुसार नौ एलजी यानी दिल्ली के एडमिनिस्ट्रेटर के पास ही रहेंगे।

इसका मतलब यह है कि अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कोई मतलब नहीं रह गया है। एक बार फिर एल.जी. के पास चला गया। जिसके बाद देर रात एलजी ने दिल्ली सरकार की मांग को मानते हुए आशीष मोरे की जगह एक सिंह को नौ के सचिव के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी।

सीएम हाउस के निर्माण में गड़बड़ी की फाइल से जुड़ी बड़ी बातें हुईं

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने सिर्फ IAS आशीष मोरे को पद से हटाया। इसी तरह विजिलेंस के सचिव राजशेखर को भी पोस्ट से हटाने का आदेश दे दिया था। आईएएस राजशेखर ने तो यहां तक ​​आरोप लगा दिया कि देर रात उन ऑफिस खुलवाकर तमाम भ्रष्टाचार के मामलों की फाइल को फोटोकॉपी करके दिल्ली सरकार अपने पास ले गई। जिनमें से सीएम हाउस के निर्माण में हुई फिफिगटैलिटी की फाइल भी शामिल थी।

राजशेखर के बाद दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सचिव मुख्य नरेश कुमार को भी पद से हटाने का फैसला लिया था और नरेश कुमार की जगह पीके गुप्ता को दिल्ली के मुख्य सचिव बनाना चाह रही थी। इसकी फाइल को भी मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा गया था। अधिक नीति के आवंटन पोस्टिंग का अधिकार मिलने के बाद दिल्ली सरकार के नौवें विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज के शीर्ष अधिकारियों को धमकाने का आरोप भी लगा। शिकायत की। मोरे ने कहा कि सौरभ भारद्वाज ने अपना काम खाने और देखने की धमकी दी है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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