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बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय में हंगामे पर न्यायपालिका को डराया नहीं जा सकता “न्यायपालिका को डराया-धमकाया नहीं जा सकता”, विशेष बंगाल के राज्यपाल ने क्यों ये बात कही?

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस- India TV Hindi

छवि स्रोत: फाइल फोटो
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस

पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश राजशेखर मंथा की अदालत (कोर्टरूम) के एकमात्र विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद मंगलवार को राज्य सरकार को न्यायपालिका की रक्षा करने और अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने का निर्देश दिया। राजभवन के एक सूत्र ने यह जानकारी दी। राज्यपाल के निर्देश के बाद मुख्य सचिव एचके द्विवेदी, गृह सचिव बीपी गोपालिका और कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने राजभवन में उन्हें स्थिति से अवगत कराया।

एकल के एक समूह ने न्यायाधीश राजशेखर मंथा के कुछ चार्ट के विरोध में अपने न्यायालय का निष्कर्ष निकाला था। सूत्र ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, “राज्यपाल ने कलकत्ता हाई कोर्ट की स्थिति का जायजा लिया। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की गरिमा और सुरक्षा स्थायी रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।”

एक घंटे तक बैठक के दौरान तीनों अधिकारियों ने यह भी कहा कि “न्यायपालिका को डराया-धमकाया नहीं जा सकता।”

कलकत्ता उच्च न्यायालय

छवि स्रोत: फाइल फोटो

कलकत्ता उच्च न्यायालय

जस्टिस मंथा को लेकर किया प्रदर्शन

ठहराव है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय पिछले दिनों में सभी के एक समूह ने जस्टिस राजशेखर मंथा को लेकर प्रदर्शन किया। इस समूह के सभी सदस्यों ने जस्टिस मंथा के कानूनी कार्यवाही में भाग नहीं लेने का फैसला किया और उन्नीस लोगों ने न्याय को कुछ से हटाने का अनुरोध भी किया। समूह ने माय न्‍यायाधीश को पत्र लिखकर अपनी मांग सामने रखी। हालांकि, बार एसोसिएशन ने किसी भी बैठक या प्रस्ताव से इनकार कर दिया। कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायालय ने कक्ष के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध करने वाले अलर्ट की कार्रवाई की निंदा की।

स्वयं ने संज्ञान लेकर मुकदमा दायर किया

वहीं, जज राजशेखर मंथा ने कोर्ट के फैसले के बाद सभी के खिलाफ खुद के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। इसके साथ ही उन्होंने अवमानना ​​का मामला भी दर्ज किया। इस पर सुनवाई बुधवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में होगी। सोमवार से ही हाई कोर्ट में सभी के एक ग्रुप ने जज राजशेखर मंथा के कोर्ट के बाहर विरोध-प्रस्तुति और बेदखली शुरू कर दी थी। इसमें प्रवेश करने वाले वकीलों के साथ भी प्रभावित हुआ था। इसके बाद मंगलवार को न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने अदालत की ड्यूटी में पुलिस अधिकारियों को निलंबित करते हुए उनके न्यायालय की अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया और इन तीन अदालतों के खिलाफ अवमानना ​​का मामला दर्ज किया।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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