आयुर्वेंड में दर्ज हजारोंयों औषधि में से एक शंखपुष्पी मानसिक बीमारियों को ठीक करने का एक सरल उपाय है। गुणों से भरपूर शंखपुष्पी को प्राचीन काल से ही प्रयोग किया जा रहा है। उस समय भी गुरूजन अपने शिक्षों को शंखपुष्पी के संयंत्रों को पीसकर प्रदान करते थे। ठंडी तासीर वाली इस जड़ी बूटी का कद है कि इसके तन से लेकर छाल, बीज और फूलों का प्रयोग किया जाता है। पथरीले मैदानों में मिलने वाले शंखपुष्पी का सदियों से उपयोग किया जा रहा है। मुझे आज भी याद है, बचपन का वो दिन जब सर्द हवा की चपेट में आने से खांसी के साथ लगातार झिंझोड़ रही थी और तभी मां रसोई में फटाफट जाकर अश्वगंधा के रस में अदरक और शहद मिलाकर लें और झट से पिला दी। उस वक्त वो जहर इतना काम आया कि आज भी मेरी होम रेमेडी की किताब में वो दर्ज है। आइए इसके बारे में और जानकारी प्राप्त करते हैं यूनानी फ़िज़ीशियन डॉ असलम जावेद से।
बालों में चमक
शंखपुष्पी बालों को चमकदार और कमजोर बनाने में एक अहम रोल अदा करती है। शंखपुष्पी की जुए का टुकड़ा बनने वाले रस में शहद मिलाकर पीने से बालों में खोई चमक लौट आती है। इससे बाल पढ़ते हैं और बनते हैं। साथ में सफद बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप इस रस को नाक में दो से तीन टपका टपकाएं। ऐसा करने से समय से पहले बाल सफेद होने की समस्या से राहत मिलेगी और बालों का झड़ना भी बंद हो जाएगा।
यूरिन की समस्या को सुलझाए
अगर आपको यूरिन रूक रूक कर आता है यां फिर जलन या दर्द का एहसास होता है, तो ऐसे में शंखपुष्पी के चूरन को एक निर्धारित मात्रा में आप दूध, दही यां फिर छाछ के साथ ग्रहण कर सकते हैं। पूरन को आप चाहें, तो शहद के साथ भी ले सकते हैं। इससे यूरिन संबधी को पूर्व राहत मिलती है।
शंखपुष्पी संग्रह को बढ़ाने में सहायक
मस्तिष्क से जुड़ी हुई स्थिति में एक टॉनिक के तौर पर काम करने वाली शंखपुष्पी तनाव, अल्जाइमर और संचय बढ़ाने में यह सिद्ध होता है। इस जड़ी बूटी के उपयोग के लिए आप शंखपुष्पी के रस को गिलोय के रस और हरड़ के पूरन में एक साथ मिलाकर। इसे सुबह शाम लेने से संग्रह करता है और दिमागी सहमति से भी निजाम मिलता है। शंखपुष्पी के रस का नियमित सेवन एकाग्रता को बढ़ाने का काम करता है।
एसिडिटी से राहत मिलती है
अगर आपको भी एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या से दो चार हो रही है, तो एक चम्मच दूध में दो चम्मच शंखपुष्पी के रस मिलाकर पीएं। इससे आपको जल्द ही राहत मिलेगी।
कब्ज से राहत मिलेगी
अगर आप कब्ज के मरीज हैं तो शंखपुष्पी के रस का सेवन जरूर करें। इससे बवासीर की समस्या भी ठीक हो जाती है।
इसके अलावा और लाभ भी
मैनें को जब देखा गया तो जाना कि शंखपुष्पी के तो और भी कई लाभ हैं। शंखपुष्पी के निरंतर सेवन से शरीर रोग मुक्त हो जाता है।
इससे पाचन संबन्धी समस्रूओं का निवारण होता है।,
शंखपुष्पी से निर्मित ब्लड प्रेशर नारमल रहता है।
शंखपुष्पी चूरन को जागने का समय, जिसकी मात्रा पांच ग्राम लें और शंखपुष्पी का रस 5 से 10 मिली लीटर ही लें।
स्मृति और एकाग्रता में सुधार लाने के लिए हमेशा से ही शंखपुष्पी का प्रयोग किया जाता है। ये जड़ी बूटी मुख्यतौर पर दिमाग को तेज और बुद्धि को भोगने वाली औषधि है। तनाव से घिरा इस माहौल में शंखपुष्पी लाभ पहुंचाने का काम करता है। स्वाद में कसैली शंखपुष्पी को रस यान चूरन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
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