UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, बेमेतरा। जिले के छोटे से गांव पेंड्री की रहने वाली दिलेश्वरी साहू ने अपनी पहली गर्भावस्था के दौरान जीवन में एक नया मोड़ देखा। जब वह प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से लाभान्वित हुई। यह योजना उनके लिए न केवल आर्थिक सहारा बनी, बल्कि गर्भावस्था के इस नये सफर को आसान और सुरक्षित बनाने में भी मददगार साबित हुई। जब दिलेश्वरी पहली बार गर्भवती हुई। तो उसके मन में कई तरह की चिंताएं और सवाल थे।
ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने उनकी मदद के लिए कदम बढ़ाया। आंगनबाड़ी में पंजीकरण के बाद दिलेश्वरी को नियमित स्वास्थ्य सेवाएं और आवश्यक टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इससे गर्भावस्था के दौरान उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रहा।
एक दिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने दिलेश्वरी को बताया कि वह प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की पात्र हैं, जिससे उन्हें पहली गर्भावस्था में 5000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। दिलेश्वरी ने तुरंत आवेदन किया, और जल्द ही उनके बैंक खाते में 3000 रुपये की पहली किस्त जमा हो गई। यह सहायता उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण थी, क्योंकि उन्होंने इस राशि का उपयोग पोषण से भरी एक पेटी तैयार करने में किया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सलाह पर, उन्होंने चना, गुड़, तिल, फल्लीदाना और ताजे फलों से भरी यह पोषण पेटी बनाई, जिससे उन्हें और उनके शिशु को आवश्यक पोषण मिल सके। इस योजना के तहत मिली आर्थिक सहायता और नियमित स्वास्थ्य सेवाओं ने दिलेश्वरी को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त किया, बल्कि गर्भावस्था के दौरान उनके स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखा।
आज दिलेश्वरी एक स्वस्थ और निरोगी शिशु की मां हैं, और इस बदलाव के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को धन्यवाद देती हैं। इस तरह की योजनाएं न केवल महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं, बल्कि उन्हें अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए प्रोत्साहित भी करती हैं। दिलेश्वरी साहू की यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन और सहायता से किसी का जीवन कितना सकारात्मक रूप से बदल सकता है।