UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, बेमेतरा। कलेक्टर रणबीर शर्मा आज जिले के ग्राम कठिया मे स्थित प्रेरणा विद्यालय मे आयोजित करियर गाइडेंस कार्यक्रम मे सम्मिलित हुए। इस दौरान उन्होंने स्कूल में बच्चों के करियर गाइडेंस के महत्व पर चर्चा की और उन्हें बताया कि हायर एजुकेशन के बाद क्या कदम उठाने चाहिए। उन्होंने विभिन्न करियर विकल्पों के बारे में जानकारी दी और यह भी समझाया कि सही करियर चुनने के लिए कौन-कौन से पहलूओं पर ध्यान देना जरूरी है।
कलेक्टर ने छात्रों को उनके रुचियों और क्षमताओं के आधार पर सही करियर चुनने के लिए प्रेरित किया और आगे की पढ़ाई और करियर में सफलता पाने के लिए उपयोगी टिप्स भी साझा किए। कलेक्टरशर्मा ने बच्चों से सवाल-जवाब भी किए, जिससे वे उनकी सोच और समस्याओं को समझ सकें। उन्होंने छात्रों से उनकी पढ़ाई और करियर से जुड़ी चिंताओं के बारे में बात की और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए।
कलेक्टर ने शिक्षा में आ रही परेशानियों से निपटने के लिए कुछ उपाय भी सुझाए, जैसे कि सही समय प्रबंधन, सही मार्गदर्शन का चुनाव, और पढ़ाई के दौरान आने वाली कठिनाइयों का सामना करने के लिए मानसिक रूप से मजबूत बनने के तरीके। उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि वे शिक्षा में आने वाली चुनौतियों को एक अवसर की तरह लें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें।
कलेक्टर शर्मा ने बच्चों के साथ अपने आईएएस बनने की यात्रा को विस्तार से साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने बचपन से लेकर सिविल सेवा में प्रवेश तक के अपने शैक्षणिक जीवन में कठिनाइयों का सामना किया और उन पर विजय पाई। कलेक्टर ने अपनी शिक्षा के दौरान की गई मेहनत, समर्पण और सही रणनीति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज तक विभिन्न विषयों में गहन अध्ययन किया और अपनी रुचि और क्षमताओं को पहचानकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी समझाया कि सिविल सेवा में सफलता केवल शैक्षणिक योग्यता से नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता, अनुशासन, और निरंतर प्रयास से प्राप्त की जा सकती है।
अपने व्यक्तिगत अनुभवों से उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें सीखने के अवसर के रूप में लेना चाहिए। कलेक्टर ने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने विभिन्न परीक्षाओं और चुनौतियों का सामना किया, और सही मार्गदर्शन और मेहनत से अपने लक्ष्य तक पहुंचे। उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि अगर वे अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित हैं, तो किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।