
UNITED NEWS OF ASIA. बेमेतरा में शनिवार को विस्फोटक बनाने वाली फैक्ट्री में ब्लास्ट के करीब 35 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म किया गया। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने मीडिया के सामने आकर जानकारी दी और कहा कि, 8 लोगों की अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। उन्हें खोजने के अलावा शिनाख्त की भी कोशिश की जाएगी। DNA टेस्ट के लिए भी हम कार्रवाई करेंगे।
वहीं रोते-बिलखते परिजन और ग्रामीणों का प्रदर्शन फैक्ट्री के बाहर जारी है। ग्रामीण 55 लाख रुपए मुआवजे की मांग को लेकर डटे हुए हैं। रविवार दोपहर को ट्रैक्टर से राशन सामग्री और खाना बनाने का सामान भी लेकर ग्रामीण पहुंचे थे। कलेक्टर का कहना है कि, लापता बताए जा रहे 8 लोगों के परिजन को 5-5 लाख रुपए की राहत राशि देने का निर्देश फैक्ट्री प्रबंधन को दिया है।
कलेक्टर ने यह भी कहा कि, जिला प्रशासन की कोशिश होगी कि एक हफ्ते में लोगों को खोज सकें या शिनाख्त कर सके। अगर इस दुर्घटना में वे लोग नहीं रहे तो 5-5 लाख रुपए की और राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री की ओर से जो राहत राशि देने की घोषणा हुई थी उसे भी प्रशासन जल्द उपलब्ध कराएगा।
मजिस्ट्रियल जांच के बाद होगी कार्रवाई
कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि, मजिस्ट्रियल जांच होगी इसमें जो भी रिपोर्ट सामने आएगी उस हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी। FIR नहीं होने के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि, नहीं अभी इसके कारण साफ नहीं है। यह दुर्घटना है या कुछ और यह पता नहीं चला है। पता लगने के बाद ही आगे की वैधानिक कार्रवाई करेंगे।
घटना बेरला ब्लॉक के ग्राम बोरसी स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड बारूद फैक्ट्री की है। यहां शनिवार सुबह करीब 8 बजे ब्लास्ट हुआ। ब्लास्ट से आसपास की बिल्डिंग तक हिल गई। जहां ब्लास्ट हुआ वहां 15-20 फीट का गड्ढा हो गया।
- 25 मई सुबह 8 बजे- फैक्ट्री में जोरदार धमाका हुआ।
- ब्लास्ट में फैक्ट्री के अंदर की एक यूनिट जहां एक्सप्लोसिव बनाया जाता था जमींदोज हो गई।
- करीब 9.15 बजे- आसपास काम करने वाले 7 घायलों को रायपुर के मेकाहारा लाया गया।
- 7 घायलों में एक सेवक राम साहू ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
- करीब 1.45 बजे- डिप्टी सीएम अरुण साव मौके पर पहुंचे और जायजा लिया। मलबा हटाने का काम भी शुरू हुआ।
- मुख्यमंत्री ने मृतक के परिवार को 5 लाख और घायलों को पचास हजार देने के साथ मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए।
- 2 से 3 बजे- कई ग्रामीण फैक्ट्री के बाहर एकजुट हुए, कुछ देर तनावपूर्ण हालात भी बने।
- 4 से 5 बजे- कलेक्टर और SP गाड़ी से फैक्ट्री के अंदर जा रहे थे इस दौरान ग्रामीणों ने गाड़ी रोक ली। इसके बाद उन्हें पैदल ही फैक्ट्री के अंदर जाना पड़ा।
- रात होते-होते वहां कई महिलाएं भी पहुंच गईं। अपनों की तलाश में देर रात तक महिलाओं का प्रदर्शन चलता रहा।
- 26 मई को सुबह फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ।
- रविवार को दोपहर विधायक दीपेश साहू घटना स्थल पहुंचे थे।
- प्रदर्शनकारियों के साथ बैठने के बाद जब विधायक वापस जाने लगे, तब ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। सुरक्षा के बीच उन्हें वापस फैक्ट्री के अंदर ले जाया गया है।
- रविवार शाम तक कई ग्रामीण ट्रैक्टर में राशन सामग्री भी लेकर पहुंच गए। फैक्ट्री के बाहर खाना बनाया जाने लगा।
- रविवार शाम 7 बजे कलेक्टर ने मीडिया से बात की।



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