
UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, बेमेतरा। जिला चिकित्सालय परिसर स्थित स्व. चेतन सिंह वर्मा 100 बिस्तर मातृ एवं शिशु अस्पताल में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय दिपेश साहू, विधायक विधानसभा क्षेत्र बेमेतरा की अध्यक्षता में किया गया, इसके साथ ही कार्यक्रम के दौरान जिला कलेक्टर रणबीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, जिला पंचायत सी.ई.ओ. टेकचंद अग्रवाल, अपर कलेक्टर अनिल बाजपेई, पूर्व नगर अध्यक्ष विजय सिन्हा, पार्षदगण,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. संताराम चुरेन्द्र, सहायक आयुक्त ट्राइबल विभाग आर एस टण्डन, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अशोक बसोड, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, लता बंजारे, अस्पताल प्रमुख सलाहकार डॉ स्वाति यदु,जिला मीडिया प्रभारी संजय तिवारी,डॉ दीपक निराला सिकल सेल नोडल डीपीएचएन हीना , विजय साहू, देवेंद्र नामदेव, जिला मितानिन समन्वयक ललिता मरावी एवं ज़िले के सभी विभागों के अधिकारियों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी सहित जनसामान्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सिकल सेल रोग के बारे में बताया गया कि सिकल सेल एक अनुवांशिक बीमारी है, इसके साथ ही सिकल सेल जांच कराने हेतु कहा गया। डाॅ. चुरेन्द्र द्वारा जानाकरी देते हुए बताया गया कि विवाह पूर्व सिकल सेल कुंडली के मिलान करके विवाह करने की सलाह दिया गया। जिससे की भविष्य में नवदम्पत्ती के होने वाले बच्चों को सिकल सेल जैसी अनुवांशिक बीमारियों से बचाव किया जा सके।
कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा बच्चों में व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि बच्चों के नाखून को छोटे रखने एवं खाना खाने से पूर्व एवं शौच के पश्चात हाथ साबून व हैण्डवास से धोने की सलाह दी गई जिससे की बच्चों में होने वाले 80 प्रतिशत बीमारियों से बचाव हो सके। कलेक्टर शर्मा द्वारा मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दिए गए सिकल सेल कुंडली को जनसामान्य में प्रचार प्रसार हेतु ग्राम पंचायत स्तर एवं दैनिक अखबारों में प्रकाशित किये जाने के साथ ही स्वास्थ्य संस्थाओं में पोस्टर लगाकर जागरूकता लाने के लिए कहा गया।
विधायक दीपेश साहू ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए सिकल सेल बीमारी की गंभीरता से लेते हुए शतप्रतिशत जांच कराने के लिए क्षेत्र वासीयों को संबोधित करते हुए अपील किया गया। इसके साथ ही विकासखण्ड बेमेतरा एवं बेरला में सिकल सेल की धनात्मक मरीजों की संख्या पर चिंता व्यक्त किया गया। इसके साथ ही मंच पर उपस्थित समाजिक वरिष्ठ नागरिक को अपने समाज में भी सिकल सेल जांच संबंधित प्रचार प्रसार करने एवं शतप्रतिशत सिकल सेल जांच कराने की पहल करने की सलाह दी गई। सभी जनप्रतिनिधियों एवम ज़िले अधिकारियो द्वारा सिकल सेल जांच भी कराया गया। एवम IEC वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
विश्व सिकल सेल दिवस पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक कुमार बसोड़ ने जानकारी साझा किया की
World Sickle Cell Day 2024: सिकल सेल रोग एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं में कमी आने लगती हैं।
सिकल सेल रोग (Sickle Cell Disease) एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है, जो ‘सिकल’ के आकार की लाल रक्त कोशिकाओं की वजह से बनता है। इसमें ये कोशिकाएं एक साथ चिपक जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन शरीर के सभी अंगों तक सही तरीके से नहीं पहुंच पाता है। रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा हो सकती है, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस स्थिति वाले लोगों को कई लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इसमें दर्द, एनीमिया, संक्रमण या अन्य गंभीर समस्याएं शामिल हैं। सिकल सेल रोग वाले बच्चों और वयस्कों को आपातकालीन इलाज की जरूरत होती है। लेकिन समाज में सिकल सेल रोग के बारे में ज्यादातर लोग जागरूक नहीं है। इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से दुनियाभर में 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस (World Sickle Cell Day) मनाया जाता है।
सीडीसी के अनुसार यह एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित हैं। इस रोग वाले व्यक्तियों में लाल रक्त कोशिकाएं एक साथ चिपक जाती हैं, जो ऑक्सीजन को शरीर के कुछ हिस्सों तक पहुंचने से रोक सकती हैं। हर सिकल सेल रोग से पीड़ित व्यक्ति अलग तरह से प्रभावित हो सकता है। कुछ लोगों को इसमें अस्थि मज्जा ट्रांसप्लांट से फायदा मिल सकता है, जबकि कुछ लोगों को दवाइयों और जीवनशैली में बदलाव करके ही फर्क पड़ सकता है। आपको बता दें कि एससीडी (SCD) वाले व्यक्ति को हर साल 100 यूनिट रक्त की जरूरत हो सकती है। लेकिन जब किसी व्यक्ति को सिकल सेल रोग होता है, तो वह समझ ही नहीं पाता है कि यह बीमारी क्या है। ऐसे में इस रोग के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य विश्व सिकल सेल दिवस मनाया जाता है।
इस दिवस का उद्देश्य लोगों को सिकल सेल रोग से पीड़ित व्यक्तियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में शिक्षित करना है। साथ ही, इसका उद्देश्य लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, जल्दी और प्रभावी इलाज के विकल्पों पर चर्चा करना भी है।
विश्व सिकल सेल दिवस को वैश्विक स्वास्थ्य चिंता के रूप में मान्यता दी गई है। ऐसे में दुनियाभर में इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 19 जून को मनाने का निर्णय लिया गया। इस दिवस की स्थापना लोगों के बीच सिकल सेल रोग के बारे में कम जागरूकता को लेकर किया गया था। इस दिवस का उद्देश्य बीमारी से प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए किया गया था। आपको बता दें कि साल 2008 में यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली ने सिकल सेल रोग पब्लिक हेल्थ से जुड़ी समस्या के तौर पर जाना और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन की शुरुआत की थी।
विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस 2024 की थीम है, ‘Hope Through Progress: Advancing Sickle Cell Care Globally’, यानी ‘प्रगति से जगी आशा: सिकल सेल केयर को वैश्विक रूप से एडवांस बनाया जाए’। कुल मिलाकर इस थीम के जरिए सिकल सेल के इलाज और इनके मरीजों की देखभाल के लिए जो एडवांस तकनीक सामने आई हैं, उन्हें लोगों तक पहुंचाना और इस गंभीर बीमारी के बारे में उन्हें जागरूक करना है।
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