यदि आप शेयर बाजार के हैं तो आपके पास जनवरी महीने में कमाई का शानदार मौका है। दरअसल, आंकड़ों से पता चला है कि पिछले 10 बजटों में से अंतिम छह बजट पेश करने से पहले के महीने में बाजार में शानदार तेजी रही। बाजार के आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 में बजट के एक महीने की दौड़ में बीएसई सेंसेक्स में 7.5 प्रतिशत की तेजी से सुधार हुआ। बीएसई सेंसेक्स ने 2017 और 2018 के केंद्रीय बजट से पहले के महीने में अच्छा प्रदर्शन किया, आंकड़ों के अनुसार 5.7 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की। इसी तरह, 2021 में 1.5 प्रतिशत और 2019 में 0.6 प्रतिशत बढ़ा। 2022 में बीएसई लाइट 4.4 फीसदी चढ़ा था।
इन बजट में पहले गिरावट देखी गई है
वहीं, अगर गिरावट वाले सालों की बात करें तो 2013 में लाइट सेंसेक्स 6.2 फीसदी गिरा था, जबकि 2012 में इसमें 3.8 फीसदी की गिरावट आई थी। 2020 में भी इसमें 3.8 फीसदी की गिरावट आई थी। 2014 में, 0.8 प्रतिशत और 2015 में 0.7 प्रतिशत नीचे था। 2023-24 के केंद्रीय बजट में कुछ ही दिन दूर हैं, ऐसी संभावना है कि यूएस फ़ेडरल रिज़र्व द्वारा साझेदारी में अज्ञात की आशाओं के कारण बीएसई संबंध में जोखिम हो सकता है। साथ ही चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भू-राजनीतिक स्थिति अभी भी स्थिर है, बजट की दौड़ में बाजार में तेजी से तबाही दिख सकती है। इस परिदृश्य में यह देखने की जरूरत है कि इस महीने के दौरान समग्र प्रदूषण का खतरा बना रहता है।
बाजार में अच्छी तेजी से वापसी
घरेलू शेयर में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही। बीएसई सेंसेक्स 390 अंक की वृद्धि के साथ 61,045। 74 अंक पर बंद हो गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का खाता भी 112.05 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 18,165.35 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को शिखर पर और बीएसई सेंसेक्स 562.75 अंक यानी 0.94 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,655.72 अंक पर बंद हुआ। पर्ललाल ओसवाल वित्तीय समीक्षा के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ”बैंक ऑफ जापान के प्रतिफल के मौजूदा दायरे को बनाए रखने से घरेलू शेयर बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पिछले दो लोगों ने लिया बाजार में दिख रहा है। इसकी वजह से प्राधिकरण का तिमाही परिणाम अच्छा रहता है और अगले साल 19 जून को चुनाव से पहले मजबूत बजट की उम्मीद है।