
UNITED NEWS OF ASIA. जगदलपुर। नारायणपुर में छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर 30 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। इस मुठभेड़ के दौरान STF जवान जब नक्सलियों को घेरकर पोजिशन ले रहे थे, तभी 3 से 4 भालुओं ने उन पर हमला कर दिया। इसमें एक जवान जख्मी हो गया है।
हालांकि, किसी तरह बंदूक का बट और जंगल में पड़ी लकड़ी से डराकर भालुओं को भगाया गया। जवान जख्मी हालत में भी नक्सलियों से मुठभेड़ करता रहा। अगले दिन बुधवार सुबह उसे चॉपर से जिला अस्पताल लाया गया है। जवान की स्थिति ठीक बताई जा रही है।
- पीछे से आकर भालू ने किया हमला
घायल जवान मंगल मंडावी ने बताया कि फायरिंग के दौरान अचानक पीछे से 3 से 4 भालू आ गए। उन पर नजर पड़ते ही बांस के पेड़ों के बीच में घुसकर बचने की कोशिश की, लेकिन भालुओं ने हमला कर दिया। जवान ने बताया कि जब वह गिर गया तो भालू वहां से भाग गए। इस दौरान हम 5 लोग थे। सुबह हेलीकॉप्टर से अस्पताल भेजा गया है।
ASP रॉबिंसन गोरिया ने कहा कि, सुबह हमने नक्सलियों को घेर लिया था। उसी दौरान भालुओं ने हमला कर दिया। अगर हवाई फायरिंग कर भालुओं को डराकर भगाते तो नक्सलियों को पता लग जाता और वे सचेत हो जाते। किसी तरह भालुओं के झुंड को जवानों ने भगाया। फिर नक्सलियों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा।
- जंगली जानवरों से लड़ना भी चुनौती
हजारों वर्ग मीटर में फैला अबूझमाड़ का जंगल नक्सलियों के साथ-साथ जंगली जानवरों का सबसे सुरक्षित ठिकाना है। यहां तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा समेत अन्य जंगली जानवर भारी तादाद में हैं। ऑपरेशन पर निकलने वाले जवान दिन रात जंगल की खाक छानते हैं। जहां उन्हें जंगली जानवरों का भी खतरा होता है।



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