चेहरे की तरह ही आपकी आवाज भी आपकी पहचान करने के लिए सबसे सीधे तरीके से एक है, लेकिन कैसा हो अगर यह आसानी से कॉपी किया जा सकता है। खतरनाक बात यह है कि ऐसा सच हो सकता है और केवल 3 दस्तावेजों की ऑडियो क्लिप की मदद से किसी की आवाज का नकल तैयार किया जा सकता है। ऐसा कलात्मक ज्ञान (एआई) से जुड़ी तकनीकों की मदद से संभव हो सकता है।
कलात्मक ज्ञान प्रौद्योगिकी इन दिनों लगातार सुरखियां बटोर रही है और इससे जुड़े नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अब नई VALL-E तकनीक तैयार की है, जिसके गलत इस्तेमाल का डर सभी को सता रहा है। Microsoft की यह AI तकनीक केवल 3 पृष्ठों में किसी की आवाज़ का प्रतिलेख बना सकती है, जिसका उपयोग बाद में किया जा सकता है।
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किसी भी आवाज में बात कर सकता है
खास बात यह है कि VALL-E ना सिर्फ किसी एक आवाज का प्रतिलेख कर सकता है, बल्कि उस आवाज में अलग-अलग इमोशंस और टोन में बात भी कर सकता है। इसकी मदद से ऐसी बातें हो सकती हैं, जो रियल स्पीकर ने कभी नहीं कही। यानी कि आपकी आवाज में यह टूल कुछ भी बोलते हुए आपके करीबियों को चकमा दे सकता है। मौजूदा अन्य एआई मॉडल्स के मामले में यह बड़ा नवीनीकरण है।
ऐसे काम करता है Microsoft VALL-E
किसी आवाज की नकल करने के लिए एआई टूल VALL-E को केवल 3 दस्तावेजों की ऑडियो क्लिप की आवश्यकता होती है। इस टूल को करीब 60,000 घंटे के लिए इंग्लिश स्पीच डेटाबेस की मदद से सिखाया जा रहा है और यह आसानी से ऑडियो सामग्री तैयार करता है। कंपनी की कोशिश है कि इस तकनीक का उपयोग सही जगहों पर पहुंचने के लिए किया जाए और गलत मंसूबों के लिए नहीं किया जाए।
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AI Technology लगातार बेहतर हो रही है
VALL-E की मदद से तैयार किए गए ऑडिट आरोप Github पर भी साझा किए गए हैं और इससे मिलने वाले पर प्रतिक्रिया ली जा रही है। कुछ ऑडियो क्वालिटी के मामले बिल्कुल सामान्य हैं, वहीं बाकी रोबोटिक और मशीन-जेनरेटेड सुनाए गए हैं। इस तकनीक में लगातार सुधार किया जा रहा है और समय के साथ यह बेहतर होगा। ऐसे उपकरणों के गलत इस्तेमाल को रोकने की दिशा में जरूरी कदम उठाना भी अनिवार्य हो गया है।