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BBC डॉक्युमेंट्री: क्या हैं वो आपातकालीन शक्तियाँ जिसके तहत केंद्र ने पीएम मोदी की छवि पुरानी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक कर दिया गया

मंत्रालय के अनुसार बीबीसी ने इसे भारत में उपलब्ध नहीं जांचे। कुछ YouTube चैनल ने इसे अपलोड किया है। ऐसा लगा है कि भारत एंटीजेन्डे को बढ़ावा देने के लिए इसे अपलोड किया गया है।

सेंटर की मोदी सरकार ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन का लिंक शेयर करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव चंद्रा ने आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शुक्रवार को निर्देश जारी किए। यूट्यूब और ट्विटर दोनों ने निर्देशों का पालन किया। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के बारे में ये जानकारी दी गई है। वहीं मंत्रालय के अनुसार बीबीसी ने इसे भारत में उपलब्ध नहीं जांचे। कुछ YouTube चैनल ने इसे अपलोड किया है। ऐसा लगा है कि भारत एंटीजेन्डे को बढ़ावा देने के लिए इसे अपलोड किया गया है।

आपातकालीन अधिकार क्या हैं?

आईटी नियम 2021 के नियम 16 ​​औपचारिक रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ संदेश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के रूप में जाना जाता है। 25 फरवरी, 2021 को शेयर ये दुर्घटना के मामले में सूचना को अवरुद्ध करने के संबंध में सरकार की शक्ति देता है। प्रमुख तौर पर आईटी नियम (2021) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने प्लेटफॉर्म पर सामग्री के संबंध में अधिक सक्रिय रहने के लिए बाध्य करता है। ऐसी सामग्री की छवि की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर इसे हटा देंगे या उल्लेखनीय करेंगे जो व्यक्ति की निजता को उजागर करते हैं, ऐसे व्यक्ति को पूर्ण या आंशिक अगता या यौन क्रिया में हैं या प्रतिरूप की प्रकृति में हैं, जिसमें मॉर्फ्ड इमेज आदि शामिल हैं। इस तरह के आदेश राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था सहित कुछ निर्दिष्ट आधारों पर पारित किए जा सकते हैं।

सरकार के डॉक्यूमेंट्री पर क्या कहना है

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर तीसरे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह एक ‘गलत आख्यान’ को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार का एक हिस्सा है। बागची ने कहा, ”यह हमें इस कवायद के उद्देश्य से है और इसके पीछे के मंच के बारे में सोचने पर मजबूर करते हैं। प्रवक्ता ने कहा, ”मुझे यह बात स्पष्ट करने दें… मेरा मानना ​​है कि यह दुष्प्रचार का एक हिस्सा है जो एक ‘गलत आख्यान’ विशेष को आगे बढ़ाने का प्रयास है। इसमें व्याप्तता की कमी और दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से झलकती है। विदेश मंत्रालय, गृह और सूचना एवं प्रसारण सहित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने दस्तावेज़ीकरण की जांच की और पाया कि यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार और प्रमाणन पर एक लक्ष्य रखता है, विभिन्न भारतीय समुदायों के बीच विभाजन बोने और बनाने का प्रयास है। और इसमें विदेशी सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध के साथ-साथ देश की सार्वजनिक व्यवस्था पर प्रतिनियुक्ति प्रभाव डालने की क्षमता है।

17 जनवरी को टेलीकास्ट पहला एपिसोड हुआ था

बीबीसी ने ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो भागों में एक नई श्रृंखला बनाई है और यह श्रृंखला गुजरात में 2002 में दबंगई के विभिन्न दृष्टिकोण का व्यवहार करती है। गुजरात दंगे के दौरान नरेंद्र मोदी राज्य के नंबर थे। 17 जनवरी को ‘द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड YouTube पर जारी किया गया था। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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