
अमेरिका के अन्य संतों पर भी इस तरह के संकट का साया मंदराता नजर आ रहा है। आशंकाएं जा रही हैं कि सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक के बाद अमेरिका का बैंकिंग संकट व्यापक हो सकता है।
अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर में एक बार फिर बवाल मच गया है। कारण है यांत्रिक क्रायसिस का अर्थ वित्तीय संकट है। पिछले एक हफ्ते में अमेरिका के दो बड़े संसाधनों पर ताला लग गया है। पहले तो अमेरिका का सिलिकॉन वैली बैंक बंद हुआ, बाद में अब सिग्नेचर बैंक पर भी ताला लगा है। रेटिंग का कहना है कि इससे अमेरिका की वित्तीय स्थिरता को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं। बाइडेन प्रशासन ने एसवीबी में जमा राशि को लौटाने के लिए तुरंत कदम उठा लिया। हालांकि कई आलोचकों ने इसे बेलआउट बताया है। अमेरिका के अन्य संतों पर भी इस तरह के संकट का साया मंदराता नजर आ रहा है। आशंकाएं जा रही हैं कि सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक के बाद अमेरिका का बैंकिंग संकट व्यापक हो सकता है। अगर स्थिति नहीं बनी तो अमेरिका के करीब 110 बैंक सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक जैसे संकट में फंस सकते हैं।
स्थिर हो रहे हैं
अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कुछ मामलों में नाकामी होने से होने वाली आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली बनी हुई है और कुल मिलाकर स्थिति स्थिर हो रही है। येलेन ने अमेरिकन बैंकर्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कुछ शेयरों की विफलता से होने वाली आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की। हालांकि, उन्होंने कहा कि आगे इस तरह की और असफलताएं होने पर वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा हो सकता है।
अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम की नाकामी
कैलिफोर्निया के सांता क्लारा स्थित सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) 10 मार्च को बाधित हो गया जब बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर आशंकित जाम ने अपने रास्ते निकालने के लिए भीड़ लगा दी। यह अमेरिकी इतिहास का दूसरा बड़ा बैंक नाकामी था। इसके कुछ ही दिनों में नौकरशाहों ने न्यूयॉर्क स्थित सिग्नेचर बैंक के होने पर भी विफलता की घोषणा कर दी। नियमों में कहा गया है कि इन दोनों व्यक्तियों के सभी जाम समझौते की राशि को संघीय सुरक्षा बीमा के तहत संरक्षण दिया जाएगा।
11 संत पहले रिबल्की को डूबने से बचाते हैं
पिछले हफ्ते एक और डूबते हुए दर्गीज पर पहुंचा था। लेकिन अमेरिका के 11 साथियों ने मिलकर 30 अरब डॉलर जमा कर सैन फ्रांसिस्को स्थित फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को डूबने से बचा लिया था। इस स्थिति में अमेरिकी सरकार भी हरकत में आ गई है और बैंकिंग प्रणाली के प्रति लोगों की गारंटी बहाल करने की कोशिश कर रही है। एसवीबी के डूबने के मामले की न्याय विभाग और सुरक्षा आयोग ने जांच शुरू कर दी है।



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