छत्तीसगढ़बलौदाबाज़ार

बलौदाबाजार हिंसा: निलंबित कलेक्टर और एसपी को जांच में क्लीन चिट, नई जिम्मेदारियों के साथ बहाल

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | बलौदाबाजार हिंसा मामले में निलंबित तत्कालीन कलेक्टर केएल चौहान और एसपी सदानंद सिंह को बहाल कर दिया गया है। दोनों अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद फिर से नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।

घटना का पृष्ठभूमि
पिछले वर्ष 15-16 मई की रात बलौदाबाजार के गिरौदपुरी धाम स्थित जैतखंभ में अज्ञात लोगों द्वारा तोड़फोड़ की घटना हुई थी। इस घटना ने सतनामी समुदाय को आक्रोशित कर दिया, और उन्होंने केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग की। इसके बाद सतनामी समाज ने विरोध प्रदर्शन और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया।

हालांकि, प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके चलते प्रदर्शनकारियों ने एसपी और जिलाधिकारी कार्यालय में आग लगा दी। इस घटना के बाद तत्कालीन कलेक्टर और एसपी को निलंबित कर दिया गया था।

जांच रिपोर्ट और नई जिम्मेदारियां
घटना की जांच के लिए सरकार ने एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया था। जांच रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों को दोषमुक्त पाया गया। इसके बाद सरकार ने उन्हें पुनः सेवा में बहाल कर दिया।

  • केएल चौहान को बिलासपुर में अपर संभागीय आयुक्त और सचिव, राजस्व मंडल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
  • सदानंद सिंह को पुलिस मुख्यालय में उप पुलिस महानिरीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है।

सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने कहा कि हिंसा की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन कार्रवाई आवश्यक थी। हालांकि, जांच के निष्कर्ष के आधार पर अधिकारियों को उनके दायित्वों के निर्वहन में दोषमुक्त पाया गया।

समुदाय की प्रतिक्रिया
सतनामी समाज ने इस मामले में अपनी नाराजगी जताते हुए अब भी केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच की मांग दोहराई है।

 


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