
चन्द्रकान्त वर्मा. यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया. मनखे मनखे एक समान के मंत्र से सतनाम समाज के प्रवर्तक गुरु बाबा गुरु घासीदास ने समाज को एकता एवं भाईचारे से जोड़ने का काम किया। बता दें कि बाबा की तपोभूमि गिरौदपुरी में लचर कानून व्यवस्था के कारण असमाजिक तत्वों ने सतनाम समाज के आस्था के केंद्र अमर गुफा में स्थित महकोनी मंदिर परिसर में जमकर तांडव मचाए हैं। इसके कारण सतनाम पंथ को मानने वाले और बाबा गुरु घासीदास पर विश्वास करने वाले लोगों में प्रशासन और असामाजिक तत्वों के खिलाफ भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है। हालात यह बने कि पुलिस की कार्रवाई पर समाज को भरोसा नहीं हुआ। पुलिस तीन लोगों को गिरफ्तार कर जो कहानी बताई उसे समाज मानने को तैयार नहीं हुआ। यही वजह थी कि समाज के लोग सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे, इस पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा की। इधर समाज ने कलेक्टर घेराव का कार्यक्रम की घोषणा कर दी। आज कलेक्ट्रेट परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था और बैरिकेटिंग के बाद भी पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोक पाने में असफल रही। इसका खामियाजा कलेक्ट्रेट परिसर में आए लोगों को अपनी गाड़ियों का नुकसान कर उठाना पड़ा। सतनाम समाज के प्रदर्शन में शामिल असामाजिक तत्वों ने जमकर उत्पात मचाते हुए परिसर में खड़ी गाड़ियों के साथ तोड़ फोड़ की ओर बड़ी संख्या में गाड़ियों को आग लगा दिया।
बता दें कि 15- 16 मई की रात और असामाजिक तत्वों ने महाकौनी के मंदिर में तोड़फोड़ की। इस पर पुलिस एफआईआर दर्ज कर तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की। गिरफ्तारी के वक्त पुलिस ने जो कहानी बताई वह समाज के लोगों ने झूठी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग शुरू कर दी। पुलिस की कहानी के मुताबिक सतनाम समाज के ही एक व्यक्ति के यहां काम करने वाले बिहार के रहने वाले तीन युवकों ने भुगतान नहीं मिलने पर गुस्से में आकर समाज के मंदिर में तोड़फोड़ किया जाना बताया गया। इधर समाज की गुस्से को देखते हुए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा करते हुए सामाजिक सद्भावना बनाए रखने की अपील की है। इस अपील के बाद भी आज सतनामी समाज के लोगों ने बलोदा बाजार के दशहरा मैदान में धरना प्रदर्शन के बाद रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे। यह रैली कलेक्ट तक न पहुंचे इसके लिए जिले भर की पुलिस बल तैनात की गई थी साथ ही रैली को रोकने के लिए बैरकेटिंग की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन समाज के उत्साही युवाओं ने बैरिकेटिंग को तोड़ते हुए कलेक्ट्रेट परिसर पहुंच गए। इसी दौरान कुछ उत्पत्ति लोगों ने कलेक्टर परिषद में खड़ी गाड़ियों को पलट दिया, मोटर साइकिल में आग लगा दी। इस पूरे घटना क्रम में पुलिस की गंभीर लापरवाही देखने को मिली। एक तरफ जहां पुलिस अपनी कार्यवाही में विश्वास पैदा नहीं कर पाई वहीं दूसरी ओर समाज के मांग पर जांच को अधूरा छोड़ दिया, तीसरी और समाज की चेतावनी के बाद भी प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए बलोदा बाजार शहर के बीच भीड़ को इकट्ठा होने दी। इतना ही नहीं पुलिस का इंटेलिजेंस भी फेल होता हुआ दिखाई दिया, जिस प्रदर्शन में प्रदेश भर के हजारों लोग शामिल हो रहे हैं, वहां पर बल की बड़ी कमी देखने को मिली।
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