
UNITED NEWS OF ASIA. बालोद | जिला पंचायत चुनाव में हार-जीत को लेकर विवाद सामने आया है। मामला डौंडीलोहारा ब्लॉक के ग्राम कोरगुड़ा का है, जहां चुनाव हारने से नाराज समर्थकों ने सोमवार रात पोलिंग बूथ का घेराव कर दिया।
कोरगुड़ा में सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी लल्ला राम देवांगन को 2 वोटों से चुनाव जीतने की जानकारी मिली। इसके बाद गांव में जमकर आतिशबाजी हुई। लेकिन आधे घंटे बाद दूसरे प्रत्याशी के यहां भी जश्न मनने लगा। तब पता चला कि 8 वोटों से चुनाव हार गए।
वोटिंग में धांधली का आरोप
ग्राम कोरगुड़ा में मतगणना में बैठे प्रत्याशी के एजेंटों ने जोड़ घटा कर परिणाम निकाला की 2 वोटों से चुनाव जीत रहे हैं, लेकिन परिणाम आते ही खुशी नाराजगी में बदल गई। पोलिंग बूथ के बाहर जमकर नारेबाजी की गई। वोटिंग में धांधली का आरोप लगाया गया।
तीन घंटे तक डरे सहमे रहे
हंगामा इतना बढ़ गया कि पुलिस ने अतिरिक्त बल बुलाई। हंगामे में मतदानकर्मी काफी घबरा गए। लोग पोलिंग बूथ के अंदर घुसने की कोशिश करते रहे। इस बीच मतदान दल की सुरक्षा के लिए मतदान केंद्र के बाहर ताला लगाना पड़ा।
टीआई रविशंकर पांडेय मौके पर भारी बल से साथ पहुंचे और कर्मचारियों को बस के माध्यम से गांव से बाहर निकाला।
अब जाने कहां हुई चूक
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक कोरगुड़ा में चार मतदान केंद्र थे। चारों जगहों पर वोटों की गिनती की जा रही थी। लेकिन जल्दबाजी के चक्कर में गड़बड़ी हो गई। पीठासीन अधिकारी के पास सभी केंद्रों से जानकारी आया ही नहीं था और कार्यकर्ता जश्न मनाने लगे।
577 वोट, 567 कैसे हुआ…?
कोरगुड़ा में सरपंच के लिए चार दावेदार खड़े थे। लल्ला राम देवांगन को 567 वोट, लक्ष्मीनारायण देवांगन को 575 वोट, पूर्व ग्राम पटेल नेम सिंह को 130 वोट, पूर्व सरपंच सुखनंदन ठाकुर को 171 वोट मिले।
ऐसे में लल्ला राम ने आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी ने उन्हें पहले 577 वोट मिलने की जानकारी दी। इसके बाद कहा जा रहा है कि 567 वोट मिला है। इससे वोट में धांधली की आशंका है। प्रत्याशी लल्ला राम ने पुनर्गणना और जांच के लिए आवेदन करने की बात कही।
जिला पंचायत सीईओ एवं रिटर्निंग ऑफिसर पंचायत डॉ. संजय कन्नौज से सीधी बात
- सवाल – प्रत्याशी लल्ला राम देवांगन ने वोटों में धांधली का आरोप लगाया है?
- जवाब – सवाल ही खड़ा नहीं होता, क्योंकि उनके एजेंट पूरे चुनावी प्रक्रिया के दौरान सामने में बैठे रहे। चुनाव प्रक्रिया सभी प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधियों के सामने निष्पक्ष रूप से संपादित हुआ है।
सवाल – जीतने वाला प्रत्याशी, आखिर हार कैसे गया?
- जवाब – जब तक मतगणना की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, प्रमाण पत्र मिल नहीं जाता, जितने की घोषणा नहीं की जाती। गणना पूरी होने से पहले कार्यकर्ताओं ने अपने प्रत्याशी को विजयी मान लिया था।
- सवाल – क्या इस मामले पर पुनर्गणना होगी?
- जवाब – प्रत्येक राउंड में मतगणना के बाद, सभी दलों के प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधियों से पूछा जाता है। पुनर्गणना करना है। सभी के सहमति के बाद आगे की गणना की जाती है। चुनाव मतगणना के दौरान ही आपत्ति करना होता है। इसके बाद दोबारा मतगणना नहीं हो सकता।













