अदालत में असलम ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को झूठ से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे पता चला कि उन्होंने कुछ भी गलत किया है। उन्होंने कहा कि वह एक पेशेवर पत्रकार के रूप में लंबे समय तक संघीय राजस्व ब्यूरो (एफबीआर) को कवर कर रहे हैं।
फ्रेंड्स। पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा के व्यक्तिगत कर की जानकारी लीक करने में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार वरिष्ठ पत्रकार को शनिवार को दो दिन की संघीय जांच एजेंसी की ओर भेजा। ‘बोल न्यूज’ के पत्रकार रॉयल असलम को संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने शनिवार को लाहौर से गिरफ्तार किया था और उन पर आपराधिक मुकदमा दायर किया गया था। अभियोजन पक्ष और पक्ष के याचिकाओं को सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय के जज मजिस्ट्रेट उमर शब्बीर ने वास्तव में दो दिनों के लिए एफआईए की हिरासत में भेज दिया।
अदालत में असलम ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को झूठ से इनकार करते हुए कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे पता चला कि उन्होंने कुछ भी गलत किया है। उन्होंने कहा कि वह एक पेशेवर पत्रकार के रूप में लंबे समय तक संघीय राजस्व ब्यूरो (एफबीआर) को कवर कर रहे हैं। पत्रकार के खिलाफ मामला अन्वेषण समाचार वेबसाइट ‘फैक्टफोकस’ की एक रिपोर्ट पर आधारित है। वेबसाइट ने पिछले साल नवंबर में एक लेख में भराई सेना के प्रमुखों और उनके परिवार पर गत छह वर्षों में 12.7 अरब रुपये की संपत्ति का अनुमान लगाया था। बजवा पिछले साल 29 नवंबर को फौज से रिटायर हुए थे।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।
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