
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर । छत्तीसगढ़ के वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश के पहले आदिवासी, सौम्य और सरल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बारे में कुछ भी कहने से पहले उन्हें हजार बार सोचना चाहिए।
मंत्री कश्यप ने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल हमेशा से आदिवासी विरोधी रहे हैं और उन्हें यह स्वीकार ही नहीं हो रहा कि एक आदिवासी नेता भी प्रदेश की कमान संभाल सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के सबसे अनुभवी आदिवासी नेता हैं। उनका राजनीतिक करियर भूपेश बघेल से कहीं ज्यादा बड़ा और प्रभावशाली है।
साय के नेतृत्व में कांग्रेस का सफाया
मंत्री कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में कांग्रेस का पूरी तरह सफाया हो गया। इसके अलावा, आगामी लोकसभा चुनावों में “मोदी गारंटी” का असर भी देखने को मिलेगा। साय की छवि सौम्य, सरल लेकिन कड़े निर्णय लेने वाले नेता की बनी है, जिससे पूरा देश प्रभावित है।
बड़बोलेपन से नहीं चलती राजनीति
वन मंत्री ने कहा कि भूपेश बघेल को यह समझना चाहिए कि बड़बोलेपन से राजनीति नहीं चलती। उन्होंने आरोप लगाया कि बघेल ने अपने कार्यकाल में आदिवासियों के नाम पर राजनीति की, लेकिन उनके हित में कोई ठोस काम नहीं किया।
उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह एक आदिवासी नेता कवासी लखमा के कंधे पर बंदूक रखकर भूपेश बघेल ने अपने घोटालों की राजनीति की, और फिर सारी मलाई खुद खाकर आदिवासी नेता लखमा पर ठीकरा फोड़ दिया, वह उनकी आदिवासी विरोधी मानसिकता को उजागर करता है।
संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करें भूपेश बघेल
केदार कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना चाहिए, न कि संवैधानिक संस्थाओं का मजाक उड़ाना चाहिए। उन्होंने कहा, “जिस संविधान को बचाने की बड़ी-बड़ी बातें कांग्रेस करती है, उसी संविधान के तहत बनी संस्थाएं जांच कर रही हैं। संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करना संविधान का अपमान है।”
उन्होंने बघेल से अपील करते हुए कहा कि संवैधानिक पद्धति से चुने गए प्रतिनिधियों का अपमान करना लोकतंत्र विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
“चोरी पकड़ी जाने पर बौखलाहट से काम नहीं चलता”
मंत्री कश्यप ने कहा कि यदि भूपेश बघेल निर्दोष हैं, तो उन्हें न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना चाहिए, न कि बौखलाहट में अनर्गल बयानबाजी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता अब सच्चाई जान चुकी है और कांग्रेस के झूठे वादों में फंसने वाली नहीं है।
केदार कश्यप के इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। देखना होगा कि इस पर भूपेश बघेल की क्या प्रतिक्रिया आती है और आगामी लोकसभा चुनावों में इसका क्या असर पड़ता है।













