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बैक टु बैक 5 भूकंप से तुर्की में मची तबाही, जानकारों ने 3 दिन पहले जमा दिया था रिपोर्ट, ये हैं दुनिया के 7 सबसे विनाशकारी भूकंप

तुर्की में 5वां शक्तिशाली भूकंप महसूस किया गया है। तुर्की में सोमवार को 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन भूकंप आने के बाद मंगलवार को मध्य तुर्की में 5.9 तीव्रता का एक और भूकंप आया। भारत सहित आभारी देशों ने दोनों देशों को सहायता और सहायता देने का वादा किया है।

तुर्की और सीरिया में भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में जीवित बचे लोगों की तलाश में आने वाले पर्यटकों ने पूरी रात कड़ी मेहनत की है। वहीं हादसे में जान गंवाने की संख्या 5,000 के करीब पहुंच गई। सोमवार को दोनों देशों में 7.8 तीव्रता का भारी भूकंप आया, जिससे पूरा अपार्टमेंट ब्लॉक गिर गया, अस्पताल बर्बाद हो गए और हजारों लोग घायल या पंजीकृत हो गए। तुर्की में 5वां शक्तिशाली भूकंप महसूस किया गया है। तुर्की में सोमवार को 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन भूकंप आने के बाद मंगलवार को मध्य तुर्की में 5.9 तीव्रता का एक और भूकंप आया। भारत सहित आभारी देशों ने दोनों देशों को सहायता और सहायता देने का वादा किया है।

ये हैं 7 सबसे विनाशकारी भूकंप

1 मई 1960: चिली के बायो-बायो में 9.4 और 9.6 की तेजी से भूकंप आए। इसमें 6000 लोगों की जान गई थी।

17 अगस्त 1999: पश्चिमोत्तर तुर्किये में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें समूचे तुर्किये में 17,000 से ज्यादा भ्रम हुए थे।

25 दिसंबर 2004: इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.1 तीव्रता का भूकंप सूनामी था। इसके कारण भारत सहित 14 देशों में 2.27 लाख समझौते हुए।

25 अप्रैल 2015: नेपाल में भूकंप से 8,000 से अधिक धब्बे, बांग्लादेश, भारत, चीन, पाक के क्षेत्र भी प्रभावित हुए थे

गुड फ्राइडे 1964: उत्तरी अमेरिका के अलास्का में 9.2 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे निकली सूनामी ने 100 से ज्यादा जानें ली थीं। सुनामी की लहरें अंटार्कटिका तक पहुंचती थीं।

26 जनवरी 2001: गुजरात के भुज में आया था। दो सदियों में यह भारत में तीसरा सबसे बड़ा भूकंप आया था। इसमें 20,000 से ज्यादा जानने वाले थे। हजारों घर नष्ट हो गए, लाखों बेघर हो गए।

11 मार्च 2011: 9 की तीव्रता के भूकंप ने जापान को व्यापक रूप से हिलाकर रख दिया था। भयानक सूनामी से 120,000 से बड़ी इमारतें नष्ट हो गईं।

तीन दिन पहले जमा दिया गया था

डच रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स ने तीन दिन पहले ही तुर्क में आने वाले विनाशकारी भूकंप का अनुमान लगाया था। नीदरलैंड्स के सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे (SSGS) में काम करने वाले हूगरबीट्स ने 3 फरवरी 2023 को ट्वीट किया था, ‘जल्दी या कुछ समय बाद इस क्षेत्र (दक्षिण-मध्य तुर्किये, जॉर्डन, सीरिया, लेबनान) में 7.5 तीव्रता का कहर बरपाएगा। फ्रैंक हूगरबीट्स ने कहा, ‘जैसा कि मैंने पहले कहा था जल्द ही या बाद में इस क्षेत्र में विनाशकारी भूकंप आएगा। ये भूकंप हमेशा महत्वपूर्ण योजनाओं की स्थिति में बदलाव से पहले आते हैं, जैसा कि मैंने 4-5 फरवरी को देखा है।’

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