आपने यह महसूस किया होगा कि यदि आप चंद्रमा की रोशनी को कुछ देर के लिए निहारती हैं, तो आपका तनाव कुछ देर के लिए रफूकर हो जाता है। आयुर्वेद में सदियों से कई फायदे के लिए चंद्रमा स्नान आज भी चल रहा है। तनाव को दूर करने के साथ-साथ गर्मी के दिनों में शरीर को ठंडा रखने के लिए भी चंद्रमा स्नान आजया जा रहा है। इसके कई और लाभ भी हैं। मून बाथ किस तरह पूरे शरीर को फायदा पहुंचाता है। इसके बारे में आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. नीतू भट्ट विस्तार से बता रही हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन (ज्येष्ठ पूर्णिमा – 4 जून) आप भी चंद्र स्नान का लाभ (चंद्र स्नान लाभ) उठा सकते हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा में चंद्र स्नान (ज्येष्ठ पूर्णिमा-4 जून)
चन्द्रमा की रोशनी हमारे तन-मन दोनों के लिए बड़ी होती है। पूर्णिमा के दिन आकाश में पूरा चांद दिखता है और उसका प्रकाश भी अधिक चमकदार होता है। ज्येष्ठ महीने में गर्मी अपने प्रचंड रूप में रहती है। दिन भर आप सूर्य की तेज रोशनी से परेशान हो सकते हैं। पूर्णिमा के दिन रात में सोसायटी पार्क या अपना विंडो या फिर छत पर 10 मिनट की रोशनी में बैठने की कोशिश जरूर करें। यह न सिर्फ आपको एंग्जायटी और स्ट्रेस से रिलैक्स करेगा, बल्कि पूरे शरीर को तरोताजा कर देगा। सामान्य दिनों में भी चन्द्रमा की रोशनी मेंटल हेल्थ और फिजिकल हेल्थ पर शानदार प्रभाव पड़ता है।
मून एनर्जी मेंटल हेल्थ के लिए शानदार (मानसिक स्वास्थ्य के लिए मून बाथ)
आयुर्वेद वैज्ञानिक डॉ. नीतू के अनुसार, ‘जिस तरह से सूर्य की रोशनी से शरीर के लिए लाभ होता है, आयुर्वेद एक्सर्ट डॉ. नीतू ने आयुर्वेद में चंद्रमा की रोशनी को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना है। भारत में चंद्रमा स्नान का प्रयोग सदियों पुराना है। हमारा शरीर वात, कफ, गंदगी से बना है। चन्द्रमा की रोशनी रोशन को दूर करने में बहुत उपयोगी है। यह तनाव मुक्त करता है। यह समान रूप से असंतुलन को ठीक करता है। मेनस्ट्रूअल साइकिल में फिफिसिटैलिटी (अनियमित अवधि के लिए मून बाथ) और इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर (बांझपन के लिए मून बाथ) करने में भी मून बाथ स्पष्ट है। आयुर्वेद बताता है कि किस व्यक्ति का स्वभाव उग्र (चिंता के लिए मून बाथ) होता है, उसे यह फायदा पहुंचा सकता है।
कैसे करें चंद्र स्नान (How to do Moon bath)
डॉ. नीतू के अनुसार किसी भी व्यक्ति का पित्त दोष बढ़ सकता है। पित्त दोष को शांत करने के लिए किसी व्यक्ति को चंद्रमा की रोशनी में स्थापित किया जाता है। इस प्रक्रिया को मून बाथ (चंद्र स्नान) कहा जाता है।
यह सनबाथ (सन बाथ) के फायदे हैं। इसमें सूरज की लाइट की बजाय मून एनर्जी ली जाती है। मून बाथ में आमतौर पर हर्ब-विचार का उपयोग भी शामिल होता है।’
गहरी नींद में नींद में मदद कर सकते हैं (चंद्रमा स्नान के लिए ध्वनि नींद)
आयुर्वेद में जर्नल ऑफ रिसर्च के अनुसार, यदि आप आधे घंटे के लिए चंद्रमा की रोशनी में बैठते हैं या उसे निहारती हैं, तो यह हर तरह के तनाव को दूर कर सर्कडियन रिडम को संतुलित करने में मदद कर सकता है। इसे सोने से पहले आजया जा सकता है। इसमें किसी भी तरह के कृत्रिम प्रकाश से खुद को दूर करना जरूरी है। इससे शरीर को यह संकेत मिलने लगता है कि आराम करने का समय बीत चुका है।
रिलैक्स करता है (मून बाथ फॉर रिलैक्सेशन)
जर्नल ऑफ रिसर्च इन आयुर्वेद में प्रकाशित शोध के अनुसार, टेंशन ब्लड प्रेशर और हार्ट स्पीड को बढ़ाया जा सकता है और माइग्रेन में भी योगदान दे सकता है। चंद्रमा की रोशनी तनाव की भावनाओं को शांत करती है।
अध्ययन बताते हैं कि चांदनी के प्राकृतिक वातावरण के संपर्क में आने से तनाव की भावनाओं को शांत करने और शरीर के अतिव्यापी प्रभाव को ठीक करने में मदद मिलती है।
चंद्रमा की रोशनी में 30 मिनट बैठें (30 मिनट के लिए चंद्रमा स्नान)
चंद्रमा स्नान के लिए आपको केवल एक शांत स्थान की खोज होती है, जहां चंद्रमा प्रकाश पर्याप्त मात्रा में आ रहा है। इसके लिए चांद की रोशनी में बाहर जाना, घर की खिड़की-दरवाजों को खोलने से रोशनी अंदर आती है, ताकि चांदनी घर के अंदर बह सके। कम से कम 30 मिनट के लिए चंद्रमा की रोशनी में बैठना जरूरी है। इस हर्बल टी के दौरान लेमन बाम (मून बाथ में लेमन बाम) और कैमोमाइल आयल (मून बाथ में कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करें) लगाया जा सकता है। त्वचा को पोषण देने के लिए नारियल के तेल या बादाम के तेल का भी उपयोग किया जा सकता है।