
UNITED NEWS OF ASIA. नागपुर। महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र (Aurangzeb Tomb) को लेकर छिड़े विवाद के बीच नागपुर में भड़की हिंसा ने देशभर में हलचल मचा दी है। इस विवाद पर अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बड़ा बयान दिया है। संघ के प्रवक्ता सुनील आंबेकर (Sunil Ambekar) ने साफ कहा है कि “आज के समय में औरंगजेब प्रासंगिक नहीं है और हिंसा को किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता।”
RSS के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने क्या कहा?
मंगलवार (19 मार्च) को नागपुर हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनील आंबेकर ने कहा –
- “औरंगजेब आज के समय में प्रासंगिक नहीं है।”
- “हिंसा का कोई स्थान नहीं है, इसे किसी भी हाल में प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता।”
- “समाज को मिलकर शांति और सद्भाव की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।”
आरएसएस का यह बयान तब आया है जब नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। इस मुद्दे पर कई जगहों पर झड़पें हुईं और नागपुर में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी।
RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक पर फोकस
आरएसएस ने इस बयान के साथ ही अपनी आगामी तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (All India Representative Assembly) को लेकर भी अहम जानकारी दी है। सुनील आंबेकर ने बताया कि –
- बैठक का आयोजन 21 से 23 मार्च तक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में होगा।
- इसमें संघ के शीर्ष पदाधिकारी, कार्यकर्ता और देशभर के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- बैठक में समाज में सहभागिता बढ़ाने और हिंदुत्व से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक की शुरुआत 21 मार्च को सुबह 9 बजे होगी और समापन 23 मार्च की शाम को होगा। संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले इस बैठक में मीडिया से भी बातचीत करेंगे।
PM मोदी की नागपुर यात्रा पर भी आया बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की 30 मार्च को प्रस्तावित नागपुर यात्रा को लेकर भी सुनील आंबेकर से सवाल किया गया। इस पर उन्होंने कहा –
“प्रधानमंत्री का स्वागत है। नागपुर हिंसा पर चर्चा करने का निर्णय प्रशासन लेगा। संघ इस मामले में शांति बनाए रखने के पक्ष में है।”
VHP ने RSS के बयान का किया समर्थन
आरएसएस के बयान के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र प्रांत मंत्री गोविंद शेंडे ने कहा –
- “हिंदू समाज हिंसा में विश्वास नहीं करता।”
- “संघ का बयान सराहनीय है।”
- “समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।”
गोविंद शेंडे ने आगे कहा कि – “सुनील आंबेकर ने किस परिप्रेक्ष्य में बयान दिया, इसकी पूरी जानकारी लिए बिना हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। लेकिन संघ का रुख स्पष्ट है कि हिंसा किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है।”
नागपुर हिंसा का पूरा मामला
- नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ संगठनों ने इसे हटाने की मांग की।
- इसके बाद विरोध-प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं सामने आईं।
- हालात को संभालने के लिए प्रशासन ने नागपुर के संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू और धारा 144 लागू कर दी।
- पुलिस ने उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए अब तक 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
औरंगजेब प्रासंगिक नहीं, अब भारत विकास की राह पर
- आरएसएस और वीएचपी के बयानों से साफ है कि अब देश का फोकस अतीत की घटनाओं पर नहीं, बल्कि समाज की शांति और विकास पर होना चाहिए।
- नागपुर हिंसा के बाद प्रशासन ने स्थिति को काबू में कर लिया है।
- संघ के बयान ने देश को साफ संदेश दिया है कि हिंसा का रास्ता नहीं, बल्कि शांति और एकता ही भारत की असली ताकत है।













