लेटेस्ट न्यूज़

अतीक और अशरफ सुपुर्द-ए-खाक, जांच के लिए प्राधिकरण कमीशन, श्यो डीजे में: 10 अहम बातें

प्रयागराज/लखनऊ। प्रयागराज में शनिवार को पुलिस हिरासत में हमलावरों की जंजीर से मारा गया माफिया-नेता एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अजीम उरी अशरफ के शवों को रविवार रात स्थानीय कब्रिस्तान में दफना दिया गया. सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रेसेट जज अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की पहचान में एक प्राधिकरण आयोग लगाया है। इस मामले की दर्ज रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया है कि तीनों हमलावरों ने अपने इकबलिया बयान में कहा है कि वे अतीक और अशरफ गुट का सफाया कर राज्य में अपनी पहचान बनाना चाहते थे। बहरहाल, तीनों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की निगरानी में भेज दिया गया।

साल 2004 में इलाहाबाद की फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और उनसे पहले कुल पांच बार विधायक रहे अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ के शवों को रविवार रात प्रयागराज के कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा के बीच दफन कर दिया गया। इस दौरान मृत के कुछ चुनिंदा दूर के रिश्ते ही ये स्थल मौजूद हैं। अतीक की पत्नियों शाइस्ता परवीन और उनके नाबालिग बेटे एहजान और अबान से करीबी रिश्ते से कोई भी मौजूद नहीं है। दोनों शवों को अतीक के बेटे असद की कब्र के पास ही चिपका दिया गया था, जिसे बीते 13 मार्च को झांसी में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीटीए) के साथ हुआ था, चोट लगने के बाद 15 मार्च की सुबह इसी कब्रिस्तान में चिपका दिया गया था।

अतीक और अशरफ अहमद से जुड़ी घटनाओं की 10 अहम बातें:

उमेश पाल हत्याकांड गोली के पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई पूर्व विधायक अशरफ की शनिवार देर रात पुलिस द्वारा चिकित्सा जांच कराकर वापस ले जाया जाता है घंटे तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ हत्या कर दी थी। इस सनसनीखेज घटना के बाद पूरे राज्य में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देश पर घटना की उच्च स्‍तरीय जांच के लिए रविवार को एक प्राधिकरण आयोग प्राधिकरण कर दिया गया। कोर्ट के उच्च इलेक्ट्रोलाइट अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की भ्रांति वाला यह आयोग दो महीने के अंदर पूरे प्रकरण की जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा। राज्य के फैसले का फैसला कुमार सिंह और रिटायर जज बृजेश कुमार सोनी इस आयोग के दो अन्य सदस्य होंगे।

इस बीच, पुलिस ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में दर्ज रिपोर्ट में दावा किया है कि पकड़े गए तैं निशान लवलेश तिवारी, मोहित मौरी और मौर्य ने पूछताछ के दौरान पुलिस से कहा है कि वे अतीक और अशरफ गुट का सफाया कर राज्य में अपनी पहचान बनाना चाहते थे। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले के दौरान शूटिंग में लवलेश तिवारी को भी गोली लगी और उसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि डाटाबेस ने पुलिस से कहा, ‘जब से हमें अतीक व अशरफ को पुलिस हिरासत में भेजा गया की सूचना मिली थी, हम तभी से मीडियाकर्मी पहुंचे यहां की स्थानीय मीडिया की भीड़ में इन दोनों को मारने की फिराक में थे, लेकिन सही समय और मौका नहीं मिला। आज (शनिवार को) मौका मिलने पर मैंने एक घटना को अंजाम दिया।’

इस बीच, तीनों फाइलों को रविवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों का मुकदमा दायर कर दिया गया। अतीक अहमद के वकील मनीष बेटियों ने बताया कि अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीन मुकदमों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया।

अशोक, लखनऊ में पुलिस ने प्रयागराज में अतीक-अशरफ की हत्या की घटनाएं जारी कीं। विशेष पुलिस जिला (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार द्वारा जारी बयानों के अनुसार, अतीक और अशरफ को शाहगंज क्षेत्र स्थित पर्ल लाल नेहरू अस्पताल क्षेत्रीय में शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया, जहां मीडियाकर्मी लगातार दोनों से बात करने का कोशिश कर रहे थे।

उन्होंने कहा, “मीडिया निरीक्षक के समूह की ‘बाइट’ लेने के लिए सुरक्षा घोटालों को तोड़ रहा था। इसी क्रम में अतीक और अशरफ दोनों जब मीडिया निरीक्षकों को ‘बाइट’ दे रहे थे और पुलिस उन्हें मीडिया की भीड़ से दूर ले जा रही थी तभी वीडियो कैमरा, माइक और मीडियाकर्मी का पहचान पत्र दिखा कि तीन लोग उनके पास पहुंचे और अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिससे दोनों घायल हो गए और जमीं पर गिर पड़े।” रविवार शाम को जारी बयान में कहा गया है कि भगदड़ के कारण कुछ मीडियाकर्मी और एक पुलिस कर्मी मान सिंह भी घायल हो गए। घायल अतीक और अशरफ को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।

कुमार ने बयान में कहा कि तीन हमलावरों को पुलिसकर्मी ने पकड़ लिया है। तिकड़ी की पहचान बंदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के मोहित सनी (23) और कासगंज के अरुण कुमार मौर्य (18) के रूप में हुई है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार सनी एक पेशेवर अपराधी और ‘हिस्ट्री साइजर’ है और उसके खिलाफ हमीरपुर में हत्या, लूट, नशीले पदार्थों की तस्करता और हत्या के प्रयास सहित 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि लवलेश तिवारी के खिलाफ बांदा शहर और बेबेरू थाना, बांदा में अवैध शराब बिक्री, धमकाने, छेड़खानी, सूचना (आईटी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीसरे अभियुक्त अरुण कुमार मौर्य के आपराधिक इतिहास का पता चला है। तीनों के पास से पुलिस ने एक 30 पिस्तौल (7.62) देशी, एक नौ सच्चा गिरसन हत्याकांड (तुर्की में निर्मित), एक 9 सच्चा जिगाना पिस्तौल, तीन आग्नेयास्त्र बरामद किए। इस संबंध में शाहगंज थाने में प्राथमिक दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा अधिकारियों की गोली मारकर हत्या करने की घटना के बाद विधानसभा में योगी आदित्यनाथ ने अतीक अहमद की दिशा में इशारा करते हुए कहा था, ‘हम इस माफिया को मिट्टी में मिलाएंगे।’

उमेश पाल हत्याकांड मामले में अतीक से 13 अभियुक्तों, भाई अशरफ और उनके बेटे सहित अब तक छह मुल्जिम पुलिस के साथ पंच या गोली मारने में मारे गए हैं।

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज न्यूज, सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज वेबसाइट News18 हिंदी|

पहले प्रकाशित : 17 अप्रैल, 2023, 05:30 IST

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page