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माफिया अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण कांड में पेशी के लिए गुजरात की साबरमती जेल से या प्रगराज की नैनी जेल भेज दी गई। न गाड़ी पलटी, न काउंटर हुआ और अतीक अहमद को गुजरात से सुरक्षित नैनी जेल तक यूपी पुलिस ले आई। सोमवार की शाम साढ़े पांच बजे अतीक को लेकर पुलिस काफिला नैनी जेल पहुंचा। रविवार की शाम छह बजे साबरमती की केंद्रीय जेल से अतीक को लेकर काफिला निकला था।
इस तरह 1300 किलोमीटर की दूरी 23 घंटे 30 मिनट में पूरी हो गई है। इस 12 बार काफिला के दौरान विभिन्न कारणों से रास्ते में रुकावट आई। नैनी जेल में अतीक के लिए विशेष सेल तैयार की गई है। यहां सीसीटीवी लगाने के साथ ही ऐसे सील को चालू कर दिया जाता है जिससे जो बॉडी टेक्नोलॉजी से लैश हो जाएंगे। इन प्रौद्योगिकी के एक आंदोलन को अधिकारी देखते रहेंगे।
नैनी जेल में अतीक और अशरफ के लिए तैयार हैं स्पेशल सेल तैयार
उमेश पाल अपहरण के मामले में 28 मार्च को एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला सुनेंगे। इस मामले में सबसे बड़ा अतीक और उसका भाई अशरफ हैं। अतीक को करीब चार साल बाद प्रयागराज लाया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम रविवार को मनपाड़ा की साबरमती सेंट्रल जेल से रोजाना शाम करीब 6 बजे लेकर निकली थी।
जजमेंट के दिन पेशी के लिए रविवार को यूपी पुलिस की टीमें माफिया अतीक को प्रयागराज लाने के लिए मनपार की साबरमती सेंट्रल जेल पहुंचीं। दो आईपीएस के नेतृत्व में 40 उच्चाधिकारी इस टीम में शामिल थे। यूपी पुलिस अतीक के लिए यहां से दो वज्र वाहन भी लेकर गया था। इसी वज्र से वाहन को प्रयागराज लाया गया।
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रुमित शर्मा के मुताबिक अदालत के आदेश पर विधिक प्रक्रिया के तहत सुनिश्चित सुरक्षा अख्तियार के बीच अतीक को यहां लाया गया है। इस दोष से संबंधित अन्य अभियोगों को भी न्यायालय द्वारा विशेष रूप से पेश किया गया है।
माफिया अतीक को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 3 जून 2019 को नैनी सेंट्रल जेल से अहमदाबाद की साबरमती जेल में बदल दिया गया था। उसी समय उसे वाराणसी से विमान से ले जाया गया। पुलिस ने कहा कि वह हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है।
सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था
इस महीने की शुरुआत में अतीकअहमद ने सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इसमें यह दावा किया गया था कि प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या में उसका और उसके परिवार का झूठा फंसा हुआ है और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसका फर्जीवाड़ा किया जा सकता है। अपनी याचिका में अहमद ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे मनपाड़ा से प्रयागराज ले जाने के लिए उसकी ट्रांजिट रिमांड और पुलिस रिमांड की मांग कर रही है और उसे आशंका है कि इस ट्रांजिशन अवधि के दौरान उसे खत्म किया जा सकता है।