
एलजी और दिल्ली सरकार में जंग का नया मैदान तैयार
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह एलजी से सीधे ऑर्डर लेना बंद कर दें। सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग के सचिव को यह निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि ट्रांज़िशन प्रोटेक्शन ऑफ़ बिज़नेस रूल्स या वर्क ऑपरेशन रूल्स (टीबीआर) की सख्ती का पालन करें। साथ ही एलजी से मिलने वाले किसी भी सीधे आदेश के संबंध में संबंधित मंत्री को रिपोर्ट करें।
दिल्ली सरकार का कहना है कि पिछले दिनों ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं, जब एलजी ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के चार्ट का उल्लंघन करते हुए सूची में सरकार को नोटिस दिया। इसमें हज कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति, एमसीडी में एल्डरमैन का मनोनयन, एमसीडी में याचिकाकर्ता अधिकारियों की नियुक्ति, सीआरपीसी 196 के मामलों में कानूनी स्वीकृति सहित अन्य निर्णय शामिल हैं।
‘उपराज्यपाल कर रहे हैं संविधान का उल्लंघन’
दिल्ली सरकार का कहना है कि संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन कर उपराज्यपाल तारीख हुई सरकार को नोटिस कर सचिवों को सीधे ऑर्डर जारी कर रहे हैं। LG के ऐसे असंवैधानिक स्ट्रेट ज़ेज़ को लागू करना TBR के नियम 57 का उल्लंघन माना जाएगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी की तरफ से दिया जाने वाला ऐसा कोई भी आदेश, संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निदेशरें का उल्लंघन है। संविधान और सर्वोच्च न्यायालय के विवरण को लागू करने के लिए सरकार की ओर से ग्रेब्रेट्स से काम किया जाएगा।
आदेश में क्या कहा ?
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि भारतीय संविधान और सर्वोच्च न्यायालय के संविधान के आदेश के अनुसार दिल्ली सरकार के पास केवल भूमि, पुलिस और सार्वजनिक आदेश जैसे तीन विषयों को छोड़कर बाकी सभी अधिकार हैं। इन तीन विषयों को ‘आरक्षित’ विषय कहा जाता है, जबकि दिल्ली सरकार के नियंत्रण वाले बाकी विषयों को ‘स्थानांतरित’ कहा जाता है।
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