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व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी | आईसीसी ने कहा ‘वॉर क्रिमिनल’… अरेस्ट वारंट भी जारी! क्या भारत आने पर गिरफ्तारियां होंगी?

फाइल फोटो: ट्विटर

नई दिल्ली। जहां एक तरफ 17 ​​मार्च 2023 को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ वॉर क्राइम (युद्ध अपराध) के आरोप में एक विशेष अरेस्ट वारंट जारी किया। लेकिन इसी के साथ अगले ही दिन यूक्रेन में मारियोपोल शहर में चिपके हुए देखे। उसी समय जंग के दौरान इस शहर पर अब रूस ने अपना कब्जा जमा लिया है। ऐसे में अब एक बड़ा ही रोचक सवाल सामने आता है कि, भारत के साथ रूस एक दोस्त के रूप में व्यहवार करता है। वहीं जो कुछ भी अब अगर भारत (भारत) जाता है तो जो कुछ भी उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। आइए इसे समझते हैं

आईसीसी कौन है

जानकारी दें कि, संस्था वैश्विक रूप से होने वाले युद्ध क्राइम, नरसंहार और मानवता के खिलाफ कतार की सघन जांच करती है। ये संस्था 1998 के रोम समझौते के तहत तैयार अपेक्षाओं के आधार पर कार्रवाई करती है। आईसीसी का मुख्यालय हेग में है। ब्रिटेन, कनाडा, जापान सहित 123 देश रोम समझौते के तहत अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के भी सदस्य हैं।

हालांकि ICC का कोर्ट आपकी पहचान की निगरानी के लिए सभी सदस्यों के देशों को वारंट करता है। ICC के ये प्रमाणन सदस्य देशों के लिए परामर्श की तरह होता है और जो इसे वरीयता के लिए बाध्य नहीं होते हैं।

ICC(इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट) ने वारंट क्यों जारी किया

वास्तव में ICC ने यूक्रेनी बच्चों को गैर-कानूनी और अवैध तरीके से रूस ले जाने में देरी माना है। उनके अनुसार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर व्लादिमीर के पास यूक्रेन से बच्चों को किडनैप करके रूस ने जाने की जानकारी दी थी। उसी के साथ बच्चों को किडनैप किए जाने के कई मामले सीधे-सीधे खुद ही शेरीक थे। वहीं सबसे बड़ी बात यह है कि जानकारी होने के बावजूद आपके सैन्य अधिकारियों और लोगों को ऐसा करने से नहीं रोका जाता है। ऐसे में आईसीसी ने उनका वारंट जारी किया है।

क्या गिरफ्तारियां होंगी?

जराब है कि, व्लादिमीर रूस जैसे बल देश के राष्ट्रपति और सिरमौर हैं। साथ ही वे दुनिया के सबसे ताक़तवर नेताओं में से एक हैं। ऐसे में यह दावा किया गया है कि रूस में रहकर उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। वहीं, अगर रूस के बाहर किसी दूसरे देश में हो जाता है तो उन्हें जमा में लिया जा सकता है। हालांकि, समझ के विदेश दौरे पर कई तरह के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध भी हैं। ऐसे में कोई भी आईसीसी के सदस्य देशों का दौरा करते हैं तो वो जमा करने के लिए जा सकते हैं, लेकिन शायद वे ये गलती नहीं करते।

अमेरिका कर रहा ICC की शिकायत लेकिन खुद उसका हिस्सा नहीं है

एक रोचक बात ये भी कि, अमेरिका ICC का हिस्सा नहीं है। ऐसे में वॉर क्राइम के सबूत आईसीसी को देने के मुद्दे पर बाइडन प्रशासन में ही आपसी टकराव की स्थिति बन गई है। पेंटागन ने आईसीसी के साथ रिपोर्ट शेयर नहीं करने की भी सलाह दी है।

भारत में गिरफ्तारी हो सकती है…

अब इस प्रशन का बड़ा सीधा सा उत्तर है कि, ICC के रोटेशन जारी होने के बाद भी भारत आने पर व्लादिमीर रुकेंगे नहीं होंगे। इसके पीछे प्रमुख कारण ये है कि, खुद भारत भी आईसीसी के सदस्य देशों में शामिल नहीं है। न ही मैंने 1998 के रोम एकॉर्ड पर हस्ताक्षर किए हैं। ऐसे में ICC ने जो वारंट जारी किया है, वो भारत के लिए बिल्कुल नहीं मानता है।

अब अगर किन्हीं कारणों से भारत आईसीसी का सदस्य होता है, तो वह भी इस आदेश को वरीयता के लिए किसी भी तरह से बाध्य नहीं होता है। इसका दावा यह है कि आईसीसी की वारंटी उसके सदस्यों के देशों के लिए भी बिल्कुल ‘एक सलाह’ की तरह ही होती है। ऐसे में भारत आने से उन्हें कोई खतरा भी नहीं है।

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