
शो के बारे में वे कहते हैं, ‘मैंने अब तक फैमिली शो होस्ट किया और अब पहली बार मैं डेट शो होस्ट कर रहा हूं तो बहुत मजा आया। इस शो में सिंगल लोग आते हैं और अपना आइडियल मैच ढूंढते हैं। एक मेंटर के तौर पर मैंने कलाकारों के साथ की जर्नी को बहुत आनंद दिया। आम तौर पर मेरी जो कर्तव्य और जिम्मेदारियां होती हैं, वो बहुत अलग होती हैं, लेकिन ‘स्प्लिट्सविला’ में सख्त को मार्गदर्शन करना एक जिम्मेदारी की तरह रहता है, मगर ये मजेदार रहा। शो में बहुत ड्रामा है, बहुत मस्ती है और काम करने में मजा आया।’
सनी लियोन बहुत ही प्रफेशनल हैं
सनी लियोनी के साथ अपने शिक्षा के बारे में वे कहती हैं, ‘सनी के साथ काम करके बहुत मजा आया। एक पल के लिए भी ऐसा नहीं कि मेरा ये पहला सीजन है और वो 8 सीजन से काम कर रहे हैं। वो बहुत ही मित्रवत और प्रफेशनल हैं। सनी 25 साल की लड़की की तरह ही क्यूट हरकतें करती हैं। सबके साथ बहुत ही अच्छे से बात करते हैं और ये ही उनकी सबसे अच्छी क्वालिटी है। उनके साथ स्प्लिट्सविला करना एक बहुत ही खूबसूरत अनुभव रहा है।’
हर रिश्ते में प्यार के लिए फीलिंग्स है
प्यार या रिश्तों में वो रिश्ते कैसे देखते हैं? पर अर्जुन कहते हैं, ‘रिश्ते में हर बार ऐसा नहीं होता है कि बाहर की चीजों से ही परेशानी होती है होर, कई बार दो प्यार करने वालों के बीच में भी परेशानी होती है और ऐसे में आप उन परेशानियों से कैसे जूझते हैं, कैसे बाहर की चेतावनी हैं वो होता है प्यार। कितने दिल से आप चीजों को ठीक करने में फ़र्स्ट उम्मीदवार हैं, मेरे होश से वो दिखाता है कि आपका रिश्ता कितना मजबूत है। मैं इन चीजों को काफी हद तक अच्छी तरह से बताता हूं क्योंकि मैं 20 साल से एक रिश्ता बना रहा हूं और जानता हूं कि कई बार ऐसी मुश्किलें आती हैं, जो काम करती हैं और ऐसी गतिविधियों से आपके रिश्ते को मजबूत बनाता है।’
सार्थक खिलाड़ियों के लिए मेरे लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण था
वानर के खिलाड़ी में एक कॉम्पटिशन होने के अपने अनुभव के बारे में वे कहते हैं, ‘एक कंटेस्टेंट के रूप में पर शो में होना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है, बहुत सारे लोग होते हैं, आपके साथ प्रतियोगिता में, सिर्फ एक ट्रॉफी के लिए । आपको अपने हर स्टंट को अच्छा करना होता है। जरिया भी आपके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है और मेरे लिए काम करने वाले खिलाड़ी इसलिए भी चुनौतीपूर्ण थे, क्योंकि कोविड-19 अपने चरम पर था और जिम बंद होने के कारण बॉडी को वर्कआउट नहीं मिल रहा था। ऐसे में मेरे लिए अपने परिवार को छोड़ना बहुत कठिन था। लेकिन मैं हर दिन उनके स्टंट करता रहा और फाइनल तक पहुंचता रहा। महत्वपूर्ण खिलाड़ियों का हिस्सा होना बहुत ही चैलेंजिंग रहा है, क्योंकि ये बहुत ही मुश्किल शो है।’
बेटे के काफी करीब हो गए हैं
कोरोना काल के बारे में बातें करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब मेरी पत्नी और बेटे को कोविड हो गया था, तब मुझे बहुत डर लग रहा था, क्योंकि आस-पास इतना खराब माहौल था। लेकिन अब वो ठीक हैं और उन्हें कुछ सीरियस नहीं हुआ। बाकी अगर मेरी निजी बातें होतीं, तो वो दौर एक तरह से अच्छा होता क्योंकि वह लगातार सबसे पहले शो करते थे, हमेशा काम करता था। तो मैं अयान (बेटे) के साथ इतना समय नहीं बिता पाया था और वो अपनी मां का बेटा हुआ करता था, लेकिन इन दो-तीन सालों में मैंने उसके साथ बहुत समय से समझदार है। हम डोनो को अच्छा लाए हैं, तो मेरे लिए लॉकडाउन ही साबित हुआ’।
फिक्शनल शो कम कर दिए गए हैं
टीवी कम करने की वजह से टिप्पणियों में उन्होंने कहा, ‘मैंने टीवी करना कम नहीं किया है बस फैंटेसी स्टोरी करने कम कर दिया है। मैं एक शो कर रहा था ‘रूहानियत’ जिसके तीन सीजन शूट करने में ही एक साल लग गए। उसके पहले मैंने ‘खतरों के खिलाड़ी’ किया फिर मैंने ‘इंडियाज टैलेंट’ किया और उसके साथ ही मैं रूहानी शूट कर रहा था, जिसके सारे सीजन अभी रिलीज हो गए हैं। लेकिन अभी के लिए मैंने फिक्शन करना बंद कर दिया है, क्योंकि मैं कुछ अलग करना चाहता था। हां, आगे कुछ मजेदार आएगा, तो मैं सोचूंगा। एक तरह से देखा तो मैं टीवी तो कर ही रहा हूं क्योंकि होस्टिंग भी तो टीवी पर ही होती है
शुरुआती संघर्ष का फायदा अब मिल रहा है
अपने संघर्ष के दिनों के बारे में वे कहते हैं, ‘पहला शोर मेरा एक क्रीम का था मैंने वो नोटिस दिया था। हालांकि मुझे वो नहीं मिला। मैंने बहुत से नोटिस दिए हैं। मैंने जब शुरुआत की, तो मैंने एक बैग में तीन अलग-अलग टी-शर्ट डाल कर ट्रेन से महालक्ष्मी को भेजा और साथ ही साथ इंतजार भी किया। जो कॉल आया था वो नोटिस तो देता ही था, लेकिन कई बार नाम कॉल भी नहीं आया था, उसमे नोटिस दे कर आता था। वहां से ये जर्नी यहां तक पहुंचती है, तो मुझे लगता है कि आज मुझे स्ट्रगल का मजा मिल रहा है। अपनी पहली कमाई के बारे में वे कहते हैं, ‘मुझे कंप्यूटर का एक प्रिंट ऐड मिला था, जिसके लिए मुझे 1000 रुपये मिले थे, जिसमें से 250 रुपये मैंने कोऑर्डिनेटर को दिए थे। रोज वो एड टाइम्स ऑफ इंडिया में छपता था और मैं उसे देख कर खुश रहता था कि मैं पेपर में रोज दिख रहा हूं।’
निवेदन तनु शुक्ला



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