
‘अनुपमा’ (अनुपमा) ने सबसे पहले एक डर और सहमा-सा स्पष्ट किया था। उसमें से वनराज शाह हमेशा चिढ़ता रहता था क्योंकि उसका टाइप नहीं था। फिर जब उसने खुद को तैयार किया। बेहतर बनाने की कोशिश की और तलाक लेने का फैसला किया तो वही वनराज शाह को अनुपमा अच्छी लगने लगी। यहां तक के ट्रैक में मेकर्स एक अच्छा मैसेज दे रहे थे कि महिलाएं खुद के पांव पर शराब पी सकती हैं और कुछ ऐसा करके वह अकेले भी होल्ड लाइफ जी कर सकती हैं।
‘अनुपमा’ के लौटे हैं बाज़ग़री दिवस?
लेकिन इसमें फिर भी महिलाओं पर अत्याचार होते हुए दिखाया गया है। इसी बीच पासोश का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर दिखाया गया। उसी दौरान किंजल की प्रेग्नेंसी भी आ गई। तोषू भी अपने पापा की राह पर निकल पड़ा है जो कि ये बता रहा था कि बाप और बेटा एक जैसे ही होते हैं। जबकि इनकी तो लव मैरिज थी। खैर। पत्नी को उसने अय्याशी तक छोड़ दिया था। मतलब इतना भावनात्मक ड्रामा बनाया गया जिससे दर्शक इस क्रम में बंधे रहे। वहीं, अब अनुज कपड़िया भी इसी राह पर होते हुए दिखाई दे रहे हैं। उनके माया के साथ ऐसा सीन दिखाया गया है, जहां अनुपम वहा से झूठ बोलते हैं या यूं कहें कि वो बात छिपी है। कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है कि दर्शक रिपीट टेलीकास्ट देख रहे हैं। बस चेहरा बदल गया है। क्योंकि अब इन सब ओछी हरकतों से वह सिर्फ और सिर्फ टीआरपी कमा रहे हैं लेकिन वो प्यार नहीं जो पहले लोगों के बीच देखा गया था।
अनुज कपाड़िया भी बन गए वनराज शाह?
सवाल ये है कि लेकिन मेकर्स मैसेज क्या देना चाहते हैं? क्या वो ये बताना चाहते हैं कि हर बुरी बात होती है? वो अपने विवाहित जीवन से खुश नहीं होता है? हमेशा गलती पत्नी की होती है? महिलाएं ही गलत होती हैं? क्या उसका भी कुछ ठीक होगा महिलाओं पर फोड़ दिया जाएगा? क्योंकि अनुपमा को देखकर अब ऐसा ही लगने लगा है। हाल ही में इसी सीरियल का एक प्रोमो भी आया, जिसमें अनुज पत्नी अनुपमा से चिल्लाने वाली बातें करती हैं। अपने दुख का जिम्मेदार जिम्मेदार हैं। साथ ही जोर से दरवाजा भी बंद कर देते हैं। इसलिए सब होने के बाद अनुपमा की हालत वही हो जाती है, जो वनराज के अत्याचार के बाद होती थी। इतने सालों की लीप आने के बावजूद अनुपमा के चरित्र में कोई अंतर नहीं दिखा। वह जस की तस बनी हैं।
मेकर्स के पास नहीं बची कोई नई कहानी
अगर कहानी बची नहीं है तो आप इस शो को बंद कर दें लेकिन ऐसे अब गंदगी नहीं है। यहां गंदगी का मतलब वो नहीं, जो आप सोच रहे हैं। महिलाएं हमेशा एक कटघरे में खड़ी रहती हैं और मर्दों को हमेशा उन पर हावी होना भी हमारे समझ की बड़ी गंदगी है। अनुपमा पढ़ी लिखी नहीं है लेकिन उनके पास दो मजबूत प्रतिभाएं हैं। लगा था कि शादी के बाद या अनुज के साथ उनकी लैविश लाइफ स्टाइल देखने को मिलेगी लेकिन नहीं। ऑक्सोनॉक्स वही होगा जो पहले एपिसोड से दिखाया जा रहा है।













