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यूक्रेन से जंग के बीच रूस पर एक और आफत, सैकड़ों मील दूर आसमान में राख के बादल l यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस पर एक और आपदा शिवलुच ज्वालामुखी से आसमान में उठे राख के बादल

छवि स्रोत: फ़ाइल
रूस में फट गया शिवलुच ज्वाला

मास्को: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 1 साल से जंग जारी है। इस युद्ध में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। मिलियन को एम्स्टॉल करना पड़ा है। इस युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। इसी बीच रूस के ऊपर एक और संकट आ पड़ा। रुष की सबसे ज्वाला में से एक शिवलुच ज्वाला मंगलवार को फिर से फट गई। यह ज्वाला 16 साल पहले भी फटी थी।

हवाई यातायात का खतरा पैदा हो गया है

रूस के सुदूर पूर्वी कामचटका प्रायद्वीप में शिवलुच ज्वाला फटने से आकाश में 15 किमी तक राख का ढेर फैल गया, जिससे हवाई यातायात का खतरा पैदा हो गया। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रेडियो दुर्घटना की दूरस्थ पूर्वी शाखा के लिए विज्ञान और भूकंप विज्ञान संस्थान ने विमानन के लिए सुप्रीम ‘लाल’ खतरे की चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी दी गई थी कि गर्म लावा की धाराएं सड़क को अवरुद्ध कर सकती हैं।

ज्वाला के जाल के सभी स्कूल बंद कर दिए गए

ज्वाला के असर से बचाने के लिए 6 हजार किलोमीटर तक के दायरे में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही लोगों को अपने घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। राख के बादलों में स्थैतिक बिजली के कारण गड़गड़ाहट के साथ ज्वाला से कई किलोमीटर के दायरे में आकाश का काला बादल छा गया था। बता दें कि यंग शिवलुच का सबसे ज्यादा ब्लास्ट 15 अगस्त 1999 को शुरू हुआ था जो 2021 तक जारी हो रहा था।

ज्वाला क्या होती है?

ज्वाला पृथ्वी की सतह पर प्राकृतिक दरारें मौजूद हैं। इनसाइड धरती के आंतरिक भाग से जुड़े हुए पदार्थ जैसे मैग्मा, लावा, राख आदि विस्फोट के साथ बाहर होने लगे हैं। ज्वाला पृथ्वी पर मौजूद 7 टेक्टोनिक प्लेट्स और 28 सब टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में टकराने के कारण बनते हैं। इटली में दुनिया का सबसे ज्वाला स्तम्भ एटना है।

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