छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में पशु तस्करी गिरोह का भंडाफोड़: मास्टरमाइंड लखन साहू समेत तीन गिरफ्तार, 11 मवेशी और एक कार जब्त

UNITED NEWS OF ASIA. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही | छत्तीसगढ़ पुलिस को अंतरराज्यीय पशु तस्करी रैकेट के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की पुलिस ने एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमाओं पर लंबे समय से पशु तस्करी के धंधे में लिप्त था। कार्रवाई के दौरान गिरोह के मास्टरमाइंड लखन साहू सहित कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों से एक कार और 11 मवेशी भी जब्त किए हैं।

ग्राम बरटोला रटगा में दी गई दबिश, मौके पर दो आरोपी गिरफ्तार

पुलिस की विशेष टीम ने 30 जुलाई को थाना मरवाही क्षेत्र के ग्राम बरटोला रटगा में दबिश देकर दो तस्करों को रंगेहाथ पकड़ा—

  • दौलत राठौर

  • मन राखन सिंह मरावी

दोनों आरोपी कोटमीकला चौकी के ग्राम कंचनडीह के निवासी हैं। इनके पास से एक चारपहिया वाहन और 11 मवेशी जब्त किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दौलत राठौर पर पहले भी पेंड्रा और अनूपपुर थानों में पशु तस्करी के अपराध दर्ज हैं।

गिरोह का सरगना लखन साहू गिरफ्तार, पूर्व में हत्या के प्रयास का आरोपी

इसके बाद पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड लखन साहू को भी गिरफ्तार कर लिया। जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है—

  • लखन साहू पर पशु तस्करी के अलावा हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों में भी संलिप्तता पाई गई है।

  • पूछताछ में उसने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और मध्यप्रदेश के अनूपपुर क्षेत्र में सक्रिय अन्य तस्करों के नेटवर्क और ठिकानों की जानकारी दी है।

पुलिस इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर आगे की कार्रवाई कर रही है।

पुलिस का बयान: सीमावर्ती क्षेत्रों पर तस्करों की बढ़ती सक्रियता चिंता का विषय

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया—

“पशु तस्करी के इस गिरोह का पर्दाफाश केवल एक शुरुआत है। हमें यह संकेत मिले हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में इस तरह के कई गिरोह सक्रिय हैं। हम पूरी सख्ती से कार्रवाई जारी रखेंगे।”

पृष्ठभूमि: पशु तस्करी पर सख्ती जरूरी

छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों की सीमा पर पशुओं की अवैध ढुलाई और उनकी बिना दस्तावेज बिक्री लंबे समय से चिंता का विषय रही है।

  • इससे न केवल कानून-व्यवस्था प्रभावित होती है, बल्कि पशु क्रूरता की घटनाएं भी बढ़ती हैं।

  • इसके पीछे माफियाई नेटवर्क और अवैध व्यापार की बड़ी कड़ी भी सामने आ रही है।

छत्तीसगढ़ पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि राज्य सरकार पशु तस्करों के खिलाफ सख्त रूख अपनाए हुए है। यदि आगे की जांच सही दिशा में आगे बढ़ी, तो जल्द ही इस रैकेट के कई और नाम सामने आ सकते हैं।

 


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