महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक लगाने से मंगलवार को इनकार कर दिया, जिसके बाद देशमुख के बुधवार को जेल से बाहर जाने की अनुमान है।
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक लगाने से मंगलवार को इनकार कर दिया, जिसके बाद देशमुख के बुधवार को जेल से बाहर जाने की अनुमान है। मैक्सिकन एम एस कार्णिक ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 73 वर्षीय नेता को 12 दिसंबर को जमानत दी थी, लेकिन सीबीआई ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए समय मांगा था और अदालत ने आदेश पर 10 दिन के लिए रोक लगा दी थी ।
जांच एजेंसी ने अदालत का रूख किया, लेकिन उसकी अपील पर जनवरी 2023 में ही सुनवाई हो गई, क्योंकि अदालत में शीतकालीन अवकाश है। कोर्ट हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते सीबीआई के अनुरोध पर जमानत आदेश पर रोक को 27 दिसंबर तक बढ़ा दिया था। जांच एजेंसी ने मंगलवार को एक बार रोककर अनुरोध किया था। देशमुख के वकील अनिकेत निकम और इंद्रपाल सिंह ने दावा किया कि सीबीआई उच्च न्यायालय के पहले आदेश को विफल करने का प्रयास कर रहा है, जिसने कहा था कि किसी भी स्थिति में एक और विस्तार नहीं होगा।
कोर्ट हाई का अवकाशकालीन याचिका ने याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कहा था, ”आगे और समय नहीं बढ़ सकता। जमानत पर रिहा किया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने देशमुख को जमानत देते हुए कहा कि सीबीआई ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के बयानों के अलावा कोई जमा राशि दर्ज नहीं की है, जो संकेत देता है कि राकांपा नेता के कहने पर मुंबई में बार-बार अधिकारों से पैसा वसूल किया जा रहा है। एक विशेष सीबीआई अदालत ने पिछले महीने देशमुख की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया। वह नवंबर 2021 से जेल में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें कथित धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने इस साल अप्रैल में भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। देशमुख ने अपने खिलाफ झूठा झूठ बोलने से इनकार किया था। वह इस समय मुंबई के आर्थर रोड जेल में व्यूअर्स में हैं। कोर्ट हाई कोर्ट ने उन्हें अक्टूबर में ईडी के मामले में जमानत दे दी थी। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मार्च 2021 में आरोप लगाया था कि शहर के गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को मुंबई के रेस्तरां और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये लगाने का लक्ष्य दिया था।
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