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टीवी इंडस्ट्री में भेदभाव पर ‘अंगूरी भाभी’ शुभांगी अत्रे का खुलासा- मेल एक्टर्स की बात मान ली जाती है

दिन भर की मशक्कत से बदन चूर है लेकिन
मां ने मुझे देखा तो थकान भूल गई है

-मुनव्वर राणा

मुनव्वर राणा का ये शेर शर्मिंदा भाभी बिल्कुल सही लेबल वाले हैं। आप सोचेंगे अनजान भाभी का इस शेर से क्या ताल्लुक, तो हम आपको बताते हैं कि डेरे के फेमस शो ‘भाबी जी घर पर हैं’ की ये अदाकारा 18 साल की बेटी की मां हैं और उनकी बेटी जब मात्र सावा की छोटी थी, तब से विदेशी अभिनय करना शुरू कर दिया था। शुभांगी कहती हैं, ‘अपने पहले सीरियल से ही मैंने डेली सोप में काम करना शुरू कर दिया था। मैं अपनी बेटी से नहीं मिला था। मुझे याद है कि वो टीवी पर जब मेरा शो आता था, तो वो हाथ फेर कर महसूस करती थी। अपने पहले दौर के सीरियल ‘कस्तूरी’ के दिनों में मैं तीन-तीन दिन तक घर नहीं जा पाया था। आज वो दिन याद करता हूं, तो आंख से आंसू आ जाते हैं, मगर फिर सोचती हूं कि जो मैंने उसी के लिए किया। मगर ये सच है कि एक वर्किंग मदर के गिल्ट के साथ हम महिलाएं हमेशा रहती हैं।’ छोटे पर्दे पर शुभांगी की छवि भले ही हंसी-ठिठोली करने वाले अल्हड़-बहूम भाभी की हो, लेकिन असल जिंदगी में उनका मां वाला पहलू काफी मजबूत और अनछुआ भी होता है। अप्रसन्न भाभी अपने मदरहुड के कई जज्बाती संबंधों को हमारे साथ साझा कर रही हैं।

आप 18 साल की बेटी (आशी) की मां हैं और टीवी की टॉप एक्ट्रेस में से एक, डेली सोप जैसे डिमांडिंग वर्क में आप बेटी को कैसे हैंडल करती हैं?
-उसको बचपन से पता चलता है कि माता-पिता काम पर आधारित हैं। काम मां होने के नाते मेरी बेटी के बचपन से ही आत्मनिर्भरता बन गई थी। छठी क्लास से वो घर पर आकर ताला खुद ही खोल देता था। अपना खाना खुद चौराहों पर, लेकिन मैं अपनी बेटी के साथ पूरा समय नहीं भूलता। घर पर काम नहीं किया जाता और उसी तरह घर की चीजों में शूटिंग नहीं की जाती। समय खराब से घट जाती है। ये जरूरी है कि आप अपने बच्चे के साथ पूरा समय लगाएं। आपके बच्चे के साथ कम्यूनिकेशन सबसे बड़ी चीज है।

बेटी के साथ किस तरह का रिश्ता है? आपको आज के दौर के होश से अपडेट करते हैं?
– मेरी शादी 19 साल की उम्र में हो गई थी और मैं बहुत जल्द ही मां बन गई थी। जल्दी मां बनने का ये हुआ फायदा कि मैं और मेरी बेटी काफी अच्छे दोस्त हैं। हम होलीडे पर रहते हैं। जल्दी पैकअप हो गए तो मूवी देखने चले जाते हैं। डिनर के लिए भी हम बाहर जाते हैं। हम दोनों को ही हॉरर फिल्म देखने में काफी मजा आता है, तो रात में मुझे डर लगता है, तब मैं कहता हूं कि मेरे पास सो जाएं। मैं पार्टी में ज्यादातर नहीं जाता। जितना ज्यादा समय शूटिंग के बाद मिलता है, अपनी बेटी के साथ बिताता हूं। आप जैसे जानकारी देते हैं कि मेरी बेटी मुझे कैसे देती है, आशी अभी अपने दस्तावेज़ के बाद मेरा इंस्टाग्राम हैंडल कर रही है। वह मुझे बताता है कि आपको यूथ को तैयार करना चाहिए। मुझे बताता है कि क्या पोस्ट करना चाहिए और क्या नहीं। कई बार मैं किचन या कुछ अजीब-सी सेल्फी पोस्ट कर लेती हूं, तो वो समझाती है कि ये नहीं करना है।

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अब आप सिंगल मदर हैं। (हाल ही में शुभांगी के पति से 19 साल की शादी के बाद डिवोर्स हो गए हैं) तो अब किस तरह की हैं?
-जिम्मेदारी बढ़ी है। मगर मेरी बच्ची अब बड़ी हो गई है, वह मेरी मदद भी करती है और काफी समझदारी से काम लेती है। मेरे पति (पियूष चूरी) से भी मेरी बात रहती है। हम परस्पर सहमति से सारी बातें समाधान करते हैं।

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शुभांगी अत्रे भाभीजी घर पर हैं

बेटी को छोड़कर काम पर जाती थीं शुभांगी अत्रे

– मैं काफी इमोशनल हो जा रही हूं अपनी बच्ची को लेकर। छोटी बच्ची को अपनी मां से दूर रहना पड़ा। मेरी बच्ची टीवी को हाथ से जुड़ती रहती है। मैं जब घर देखता हूं, तो मुझे छूकर देखता हूं कि मैं वास्तविक हूं या नहीं? इन कपड़ों के लिए आप कभी माफ नहीं करेंगे। मगर तब वह करना जरूरी था। अब आशी काफी बड़ी हो गई थी समझने लगी है। आज आशी शिकागो जाने की तैयारी कर रहा है। आज जब पलट कर देखते हैं, तो लगता है, सभी मेहनत में हुई। मैं उसके सपनों को पूरा कर पाया। वो एस्ट्रो फिजिक्स बनाना चाहते थे और स्पेस साइंटिस्ट बनना चाहते थे और आज वो वही सपना पूरा करने जा रहा है।

जैसा कि आपने बताया कि मात्र 19 साल की उम्र में आपकी शादी हो गई थी और 20वें साल में आप मां बन गईं, तो एक्ट्रेस बनने का संजोग कैसे हुआ?

शुभांगी अत्रे परिवार

19 साल की उम्र में हो गई थी शुभांगी की शादी

-(हंसते हुए) आज भी मेरी लड़की ने कहा कैसे कर ली इतनी जल्दी शादी आपने। मगर जहां तक ​​एक्टिंग की बात है, तो मुझे बचपन से ही शौक था। मैंने अपना एमबीए भी पूरा किया। कथक में विशारद की है, मैं नैशनल लेवल की डांसर हूं। मेरे पति एडवरटाइजिंग एजेंसी में फौरी काम करते हैं। तभी मेरी तस्वीर उनके लैपटॉप में किसी ने देखी और उन्होंने मेरे पति से पूछा, ये निर्देशांक क्या हैं? मेरे पति ने मुझसे पूछा तो मैंने कहा, जी मैं जरूर करूंगी। सौ हजार मिले थे उस ऐड शॉट के लिए। उसके कुछ अरसे बाद मैंने फौरन बालाजी टेलीफिल्म्स के लिए नोटिस दिया और वो भी बिना मेकअप के, क्योंकि मैं तब मेकअप नहीं करता था और एकता जी को काफी पसंद आया। आशी टाइमटाइम सावा साल की थी। मैं उसे अपने साथ लेकर गया था। मुझे याद है, एक कंगारू बैग में मैंने आशी को रखा था और जब मैं वहाँ पहुँचा, तो एक यंग मदर को देखकर आपके सामने आने के लिए लोगों ने मुझे पहले जाने दिया। मैं अंदर दे रही थी और वो लोग बाहर मेरे बच्चे थे। एकता जी (एकता कपूर) ने देखा और मुझे मेरा पहला शो ‘कसौटी जिंदगी की’ मिला।

आपके काम की बात करुं, तो आप अनजान भाभी के नाम से जानी जाती हैं, हमारे कल्चर में जो भाभी का रिश्ता है वह काफी कंफर्ट और मस्ती-मजाक वाला रिश्ता है, तो जब आप बाहर जाते हैं तब आपका अनुभव कैसा रहता है? कभी किसी ने ठिठोली में ठिठोली में सरहद पार की?
-अंगूरी भाभी का जो है वो काफी फेयर है। किसी भी अभिनेता के लिए यह चरित्र छप्पन भोग थाली के समान है। इस दस्तावेज़ में सभी इमोशन हैं। मासूम बौड़म भी ताकि पति उल्लू बना सके। जब भी लोगों से मिलता हूं तो उन्हें सबसे पहले ‘सही पकड़ा जाता हूं’ यही हासिल होता है। अगर कभी वेस्टर्न कपड़ों में कोई देख लेता है तो कहते हैं अरे भाभीजी आप ऐसे, उन्हें लगता है कि मैं स्टोर भी भाभीजी के कपड़ों में करती रहूंगी। ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं, मैं एक बार थाईलैंड गई थी, तब मैंने वहां एक मोनोकिनी पहनी थी। तभी बवाल हो गया था कि भाभी जी ने ऐसे कपड़े पहनकर पोस्ट कैसे किया? मैंने इस बीच विचार किया कि जाऊंगी तो अधिकारपूर्ण रूप धारण करूं तो नहीं जाऊंगी। कई बार लोग भूल जाते हैं वो एक पहचान है मेरी जिंदगी का। मैं जहां भी जाता हूं, सब भाभी या भौजी ही बुलाते हैं। किसी ने अभी तक लिमिट क्रॉस नहीं किया है।

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क्या आपको ऐसा लगता है कि महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, किसी चीज को पाने के लिए?
– हां, कई बार ऐसा होता है की मेल एक्टर्स की बात मान ली जाती है, वहीं अगर फीमेल एक्टर ने कहा तो नहीं वह बात पूरी। मैंने जब इंडस्ट्री में आई थी तब कहा था कि शादीशुदा को हीरोइन दिया। मेल एक्टर पॉपुलर है तो उसकी बात सुनेंगे आप नहीं। जब कभी हम परेशान होते हैं, तो समानता की बात करते हैं। अगर कभी मैंने कहा, मेरा बच्चा बीमार है, जल्दी छोड़ दे। उस समय बच्चे को पिता से ज्यादा मां की जरूरत होती है तब उसे जरूरत होती है। वो नहीं समझता और मुझे नहीं लगता कि ये कभी खत्म होगा। मैं पेशेवर रहता हूं और अपना काम करता रहता हूं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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