‘वारिस-पंजाब दे’ के प्रमुख और खालिस्तान खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की मांग को लेकर विरोध, दिल्ली देश समेत कई राज्यों की पुलिस भगोड़े की मांग में पिछले कई दिनों से गुटबाजी हुई है। अंतरराजकीय और अंतरराष्ट्रीय नेपाल सीमाओं पर अतिरिक्त पुलिस बल रोक कर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
पिछले कई दिनों से भागदौड़ के बाद भी पुलिस के हाथ कोई सफलता नहीं लगी है। ऐसे में आशंका जा रही है कि भगोड़ा अमृतपाल उत्तराखंड से होते हुए नेपाल का हिस्सा हो गया है। पुष्ट सूत्रों की बात तो खूफिया टिप के बाद नेपाल में बैठे सुरक्षा दस्तावेजों और पुलिस के समाचारों को अलर्ट कर दिया गया है।
भगोड़े की तलाश कर रही पुलिस टीम ने जल्द ही अमृतपाल की फोटो भेजकर उसके निशान लगाने का दावा किया है। अमृतपाल सिंह के उत्तराखंड से नेपाल प्रवासी के सचिव मिलने के साथ कुमाऊं से शुरू नेपाल की सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। यूपी सहित हिमाचल प्रदेश सीमाओं पर भी बढ़ा गया था।
आने-जाने वाले अंतरराष्ट्रीय संबंधों सहित अन्य सभी संबंधों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। इसके बाद भी अमृतपाल सिंह का कोई निशान नहीं लगा। अब सुरक्षा एजेंसियां अमृतपाल सिंह के नेपाल पूर्वाग्रह की आशंका जता रही हैं। इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने नेपाल के अधिकारियों के साथ संपर्क साधना शुरू कर दिया है।
नेपाल में बैठे खबरों को अलर्ट पर रखा गया है। किसी भी प्रकार का ईमेल मिलने पर आपस में सूचना देने को कहा गया है। इंटेलीजेंस के अधिकारियों की अधिकृत तो अमृतपाल के नेपाल में होने की संभावना काफी अधिक है। उसे नेपाल में रहने वाले भारत के ही कुछ बदमाशों द्वारा शरण दिए जाने की आशंका है।
कई भेष में फोटो अतिसंवेदनशीलं
पंजाब सरकार ने अमृतपाल की कई तस्वीरें साझा की थीं। अब सुरक्षा दस्तावेजों ने अमृत कोपाल के फोटो शेयर किए हैं। आशंका जा रही है कि अमृतपाल भेष विशेष नेपाल में ही कहीं छिपा है। सुरक्षा सुरक्षा की खबरी बस स्टैंड, एयरपोर्ट समेत सभी इलाकों पर अमृतपाल के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।
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नेपाल से अन्य देश भाग ले सकते हैं अमृतपाल
इंटेलीजेंस के अधिकारियों की अधिकृत तो अमृतपाल का पहला लक्ष्य नेपाल चौकियां हैं। वहां कई बड़े लोगों के साथ उसके अच्छे संबंध बताए जा रहे हैं। जेनी की मदद से वह पुरा पासपोर्ट बनाकर अन्य देश में भाग ले सकता है। बताया जा रहा है कि अगर अमृतपाल नेपाल से अन्य देश निकल गया तो उसकी पुलिस की गिरफ्त में आना आसान नहीं होगा।
दोनों देशों के अधिकारियों ने शेयर की जानकारियां
अमृतपाल के भेस होने का प्रकरण अब दुनिया भर में बन गया है। नेपाल के दृष्टिकोण की आशंका के बीच भारतीय उच्चाधिकारियों ने नेपाल के अधिकारियों से विस्तार किया है। इसके लिए उन्होंने नेपाली अधिकारियों से अमृतपाल के संबंध में सभी जानकारियां साझा की हैं। जिससे अमृतपाल को जल्द से जल्द पकड़ लिया जाए।
आईजी कुमाऊं, डॉ. ब्लूश आनंद भरणे ने बताया कि पाल अमृत के उत्तराखंड में कुमाऊं में होने का प्रदूषण मिलता है ही खुफिया तंत्र को अलर्ट पर रखा गया है। अतिक्रमण पर अतिरिक्त पुलिस बल का दमन कर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। संवेदनशील स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गश्त की जा रही है। अमृतपाल के असमय पर भी नजर जा रही है।
नेपाल के अधिकारियों के साथ भी संपर्क स्थापित किया गया है।
भारत-नेपाल के बलों ने की गश्त की
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की तलाश में सीमा पर गहन चेकिंग जारी है। उसकी खोज में भारत और नेपाल की संयुक्त सेना ने वन महोलिया सेमल घाट तक 15 किलोमीटर पैदल गश्त की। इस दौरान एसएसबी की तीन कंपनियां, पुलिस और खुफिया विभाग के लोग शामिल रहे।
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सीमा से सटे नगर तराई, वन महोलिया समेत कई इलाकों में एसएसबी ने कांबिंग की। इस दौरान दोनों देशों के नागरिकों से सीमा पर पूछताछ की गई। सिसैया गांव में बैरियर रोजाना स्थिर करने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। झींकइया रविन्द्र बिष्ट ने बताया कि शारदा बैराज से लेकर सीमाओं पर सेमलघाट, वन महोलिया तक कई इलाकों में अमृतपाल के पोस्टर जा रहे हैं। लोगों की आईडी चेक की जा रही है। लोगों को पाल अमृत और उसके भगोड़े साथियों के साथ आने के विषय की जानकारी दी जा रही है।
उत्तर प्रदेश से सटे सीमाओं पर चेकिंग तेज
खालिस्तान समर्थक अमृतपालों को लेकर जिले में पुलिस अलर्ट मोड पर है। उत्तर प्रदेश के साथ ही नेपाल से सटे हुए देश को सील कर चेकिंग की जा रही है। उसी के साथ अमृतपाल और उसके चार साथियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किए गए हैं। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि जिले में आने वाले महत्वपूर्ण के साथ ही पैदल आने वालों पर नजर रखने वाले उन पूछताछ की
जा रहा है।