
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए वक्फ संशोधन बिल के संदर्भ में कहा कि उनकी समिति पूरी तरह से लोकतांत्रिक है, जबकि कांग्रेस की समितियां सिर्फ दिखावे के लिए काम करती थीं और किसी बदलाव के बिना केवल ठप्पा लगाती थीं।
अमित शाह ने कहा, “कांग्रेस और विपक्ष की ओर से यह मांग उठाई गई थी कि एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाई जाए, लेकिन हमारी समिति उस विचार-विमर्श और मंथन का हिस्सा है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत बदलाव लाती है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वक्फ संशोधन बिल पहले कैबिनेट द्वारा मंजूरी प्राप्त कर चुका था और फिर समिति द्वारा इस पर चर्चा की गई थी, जिसमें कई सुधारों और सुझावों को स्वीकार किया गया।
अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार की समिति केवल दिखावे के लिए काम नहीं करती, बल्कि वास्तविक बदलाव और सुधार करती है। “अगर कोई बदलाव स्वीकार नहीं किए जाते तो फिर समिति का क्या मतलब?” उन्होंने यह सवाल उठाया और यह साफ किया कि कांग्रेस के समय में समितियां केवल एक औपचारिकता थी, जो बिना किसी मंथन के काम करती थीं।
अमित शाह का यह बयान विपक्ष द्वारा वक्फ संशोधन बिल पर उठाए गए सवालों के संदर्भ में आया, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है। वक्फ बोर्ड के अधिकारों में बदलाव को लेकर विपक्ष की ओर से विरोध जताया जा रहा है, जिसमें इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया जा रहा है।
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