
UNITED NEWS OF ASIA. आबूरोड। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय संवाद कार्यक्रम में सुरक्षा बलों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि “भारत की सीमाओं की सुरक्षा 46 डिग्री गर्मी और -46 डिग्री सर्दी में हमारे जवानों की तपस्या से संभव हो पाई है।” कार्यक्रम का विषय था – ‘सुरक्षा बलों के कर्मियों के लिए आंतरिक जागृति के माध्यम से आत्म-सशक्तीकरण’, जिसका उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
राजयोग से मानसिक शक्ति
गृहमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा राजयोग और ध्यान के माध्यम से सुरक्षा बलों को मानसिक शांति और आत्मिक ऊर्जा प्रदान करने का जो कार्य किया जा रहा है, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि देश की सेना और पुलिस अत्यंत तनावपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करती है, ऐसे में राजयोग उनके लिए एक आध्यात्मिक संबल बन सकता है।
भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
अमित शाह ने कहा, “आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरे स्थान पर होगा। यह सफलता सुरक्षा बलों, राज्यों की पुलिस और आम नागरिकों के समर्पण का परिणाम है।”
शांति और साधना का संगम
गृहमंत्री ने ब्रह्माकुमारी संस्थान को “शांति का मंदिर” बताते हुए संस्थापक दादा लेखराज कृपलानी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने पूर्व प्रशासिका दादी रतन मोहिनी को भी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में उनका पारंपरिक स्वागत इलायची की माला, राजस्थानी पगड़ी और सोमनाथ मंदिर की प्रतिकृति भेंट कर किया गया।
बीके मोहिनी दीदी का आत्मिक संदेश
संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा, “राजयोग से आत्मा के सात गुण – ज्ञान, सुख, शांति, प्रेम, पवित्रता, शक्ति और आनंद – जाग्रत होते हैं। यही आत्मिक शांति विश्वशांति की नींव है।”
मुख्यमंत्री ने की शाह की प्रशंसा
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गृहमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए अनुच्छेद 370 हटाने, नक्सलवाद पर सख्ती और सुरक्षा नीति में उनके योगदान को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि देश अब शांति और विकास के नए युग की ओर बढ़ रहा है।
400 से अधिक अधिकारी हुए शामिल
कार्यक्रम में थल, जल और वायुसेना के 400 से अधिक अधिकारी एवं जवान उपस्थित रहे। चार दिवसीय इस सम्मेलन में आत्मिक जागरण और ध्यान की विधियों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। एसपीजी कमांडोज़ और स्थानीय पुलिस बल की मौजूदगी में पूरे शांतिवन परिसर को सुरक्षा कवच से घेरा गया।
निष्कर्ष: यह आयोजन केवल आध्यात्मिक सम्मेलन नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और आत्मबल के बीच एक गहरा संबंध जोड़ने वाला सेतु बना। अमित शाह की उपस्थिति और उनका संदेश सुरक्षा बलों के प्रति देश की कृतज्ञता और आध्यात्मिक ऊर्जा के महत्व को स्पष्ट करता है।
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