
UNITED NEWS OF ASIA. अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर जारी चर्चाओं के बीच पूर्व मंत्री और वरिष्ठ आदिवासी नेता अमरजीत भगत ने एक बार फिर सरगुजा क्षेत्र के आदिवासी नेतृत्व की अनदेखी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने संकेतों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि सरगुजा के आदिवासी नेताओं को बराबरी का अवसर नहीं मिलता।
टीएस सिंहदेव के संभावित अध्यक्ष बनने की अटकलों के बीच अमरजीत भगत ने कहा, “टीएस बाबा हमारे नेता हैं, जो भी प्रदेश अध्यक्ष बनेगा, उसे मेरा समर्थन रहेगा। लेकिन बस्तर और सरगुजा, दोनों आदिवासी बहुल क्षेत्रों को समान दृष्टि से देखना चाहिए।”
सरगुजा के आदिवासी नेताओं की उपेक्षा का आरोप
अमरजीत भगत ने कहा कि सरगुजा संभाग में छह जिले शामिल हैं, बावजूद इसके यहां के आदिवासी नेताओं को कांग्रेस में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलता। उन्होंने आरोप लगाया कि सरगुजा के नेताओं को पार्टी कमेटियों में जगह नहीं दी जाती, न ही उनकी बातों को तरजीह मिलती है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, “यदि कांग्रेस को राज्य में मजबूती चाहिए, तो सरगुजा के आदिवासी नेताओं को भी समान अवसर देने होंगे। पार्टी को दोनों आदिवासी क्षेत्रों के नेताओं के बीच तालमेल बैठाकर आगे बढ़ना होगा।”
क्या कांग्रेस नेतृत्व सरगुजा के मुद्दे पर विचार करेगा?
प्रदेश कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर असमंजस के बीच अमरजीत भगत के इस बयान ने आदिवासी राजनीति को फिर से केंद्र में ला दिया है। अब देखना होगा कि कांग्रेस हाईकमान इस मुद्दे को किस तरह से संभालता है और सरगुजा के आदिवासी नेताओं को कितनी प्राथमिकता मिलती है।
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