अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली: फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस (एफ डीडसी) ने कहा है कि उत्तर कैरोलिना स्थित प्रथम नागरिक बैंक संकटग्रस्त सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) को खरीदेगा। एसवीबी के संकट से पूरा बैंकिंग सेक्टर आ गया था और दुनिभर में बैकिंग एरिया को लेकर चिंता का माहौल बन गया था। यह सौदा ऐसे समय में होता है जब आश्रित की गारंटी चूक जाती है। हालांकि, अब वे राहत की सांस ले सकते हैं। एफ डीडसेटी और अन्य सम्बन्धों ने घेराबंदी की रक्षा के लिए तथा वित्तीय संकट को और गहरे से रोकने के लिए बड़े उपाय किए। इसी क्रम में यह एक्सचेंज किया गया था कि एसवीबी और अमेरिका के बीच एक अन्य बैंक के ग्राहक ने अपने संपूर्ण धन का उपयोग कर सकते हैं। अब एसबीआई के ग्राहक: स्वयं ही पहले नागरिक के ग्राहक बन गए हैं। एसवीबी के 17 सदस्य अब पहले सिटीजन के तौर पर ही खुलेंगे।
बेवकूफों के पीछे पागल हो रहे हैं।
सिलिकॉन वैली बैंक के 10 मार्च को विफल होने के दो दिन बाद न्यूयॉर्क का सिग्नेचर बैंक भी बैठ गया था। सिग्नेचर बैंक के बड़े हिस्से को लेने के लिए न्यूयॉर्क कम्युनिटी बैंक राजी हो गया था लेकिन एसवीबी के कुर्की की खोज जारी हो रही थी। एफडीडसेटी ने बयानों में कहा है कि इस बिक्री में एसवीबी के सारे जमा और कर्ज की बिक्री भी शामिल है। बता दें कि अमेरिका में डूबने वाले बैंक सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक के पीछे बद्धता में वृद्धि को माना जा रहा है। उसके बावजूद फेड ने फिर से ब्याज दर बढ़ाकर अब 4.75% से 5% कर दिया है। प्रमुख ब्याज दर बढ़ने से सरकारी बंधन जैसी शर्तें बढ़ती जा रही हैं। जैसे-जैसे उपज बढ़ती जा रही है, पुरानेज के बाजार में घटती जाती है। अमेरिका के साइंट्स ने अपने एसेट्स का एक अहम हिस्सा बॉन्ड और ट्रेजरी नोट्स जैसा सतर्कता में निवेश किया है। ये बंधन तब मिले थे, जब व्यस्तता काफी कम थी। एक साथ व्याज में भारी सब होने से पहले आश की मार्केटिंग काफी गिर गई। इससे संबंधित भारी नुकसान हुआ है।
बैंकिंग संकट के बीच रोमांचक व्याज
हाल ही में अमेरिका के दो बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक बैंक हो गए। इसके अलावा अमेरिका के 186 खतरनाक संकट मंदरा रहा है। बैंकिंग सेक्टर को उम्मीद थी कि फेडरल रिजर्व बाद में उन्हें वेजेज में शॉट कर राहत दे सकता है, उनकी उम्मीद पानी फिर गई। बैंकिंग संकट के बावजूद अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने राहत देने के रोजगार भत्ते में भुगतान का ऐलान किया। फेडरल ने कहा कि इस साल में एक और बार का बजट बढ़ाया जा सकता है।
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