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अमेरिका को छोड़ना पड़ सकता है जासूसी का गुब्बारा, चीनी संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में बाइडेन अमेरिका में स्पाई ब्लोन छोड़ा जा सकता है भारी चीनी सहयोग पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में, हाउस यूनिटी

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन- India TV Hindi

छवि स्रोत: एपी
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन

नई दिल्ली। अमेरिका के आसमान में जासूसी का गुब्बारा अब चीन पर भारी पड़ता है। यूएसए इसके लिए चीनी सेना से जुड़ी कई गतिविधियों पर रोक लगाने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका के इस कदम से चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अभी करीब एक हफ्ते पहले अमेरिका ने चीन की जासूसी को आसमान में गिराया था। इसके बाद चीन का एक अनुपयोगी विमान भी यूएसए के आसमान में उड़ता दिखा। हालांकि चीन ने इसे दूसरा गुब्बारा चश्मदीद होते हुए कहा था कि वह रास्ता निकल गया था। मगर अमेरिका ने चीन की जासूसी के मामले को बेहद ग्रेब्रिट से लिया है। राष्ट्रपति बाइडन ने इसे अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा माना है। अमेरिका के सदन के लिए इसकी एकता हो गई है।

चीन के खिलाफ अमेरिकी सदन में निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी ने प्रस्ताव को 419-0 वोटों से पास करते हुए भारी एक सबूत दिखाया है। यानी कोई भी नहीं पड़ा। अमेरिका अपने हवाई क्षेत्र में अवैध प्रवेश का समर्थन करने वाली चीनी सेना से संबंधित चीन की कार्रवाई के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है। एक विशाल गुब्बारा 30 जनवरी को मोंटाना में अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद कई दिनों तक अमेरिका महाद्वीप के ऊपर उड़ता रहा। यूएसए की सेना ने अमेरिका की संवेदनशीलता के ऊपर मंदरा रहे चीनी निगरानी का शीशा गिरा दिया था।

दुनिया के 40 देश जासूसी कर रहे हैं चीनी का गुब्बारा

अमेरिकी गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि हम जानते हैं कि चीन ने गुब्बारों को पांच महाद्वीपों के 40 से अधिक देशों में घुसपैठ की है। चीन के इन सभी देशों की जासूसी जासूसी से निगरानी की जा रही है। बाइडन प्रशासन इसके बारे में सीधे (प्रभावित) देशों से संपर्क कर रहा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि यह स्पष्ट है कि चीन ने इन गुब्बरों का उपयोग निगरानी के लिए किया था। अधिकारियों का आरोप है कि उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरों से पता चलता है कि ये चश्मा खुफिया संकेतों को एकत्र करने में सक्षम थे। वहीं, चीन ने दावा किया है कि मौसम विज्ञान अनुसंधान के लिए जाने वाला गुब्बारा इस्तेमाल किया गया था।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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