लेटेस्ट न्यूज़

भूख से बिलबिलाते पाकिस्तान पर फिर मेहरबान हुआ अमेरिका, कर रहा अब ये बड़ी मदद

पाकिस्तान जनता (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi

छवि स्रोत: एपी
पाकिस्तान जनता (प्रतीकात्मक फोटो)

पाकिस्तान को अमेरिका की अतिरिक्त सहायता: भूख से बिलबिलाता पाकिस्तान, तंगी से तड़पता पाकिस्तान, जमीन का मारा पाकिस्तान, एक-एक पैसे को मोहताज पाकिस्तान, कर्ज से कराहता पाकिस्तान और बाढ़ से बर्बाद पाकिस्तान की मदद को एक बार फिर अमेरिका ने हाथ बढ़ाया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मुश्किलों की मार जीत रहे पाकिस्तान को भूख और बर्बादी से बचाने के लिए 100 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता देने का ऐलान किया है। अमेरिका ने पाकिस्तान की सहायता ऐसे समय में दी है, जब उसके पाक के सबसे करीबी दोस्त चीन भी मदद नहीं कर रहा है और उसकी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइ मैड) सहित अन्य देशों ने पाकिस्तान की खराब रेटिंग को देखते हुए कर्ज देने से हाथ खड़ा किया है कर दिया है।

आपको बता दें कि इन दिनों पाकिस्तान चरम पर है। आटा, दाल, चावल, प्याज, सब्जी और दूध के दामों में 40 फीसदी से 400 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में प्याज के दाम 464 फीसदी तक बढ़ गए हैं। ऐसे में पाकिस्तान भूख से तड़प रहे हैं। उन्हें खाने के साथ-साथ दो घंटे तक रोटी खाने को मिलती है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तहस-नहस हो चुकी है। 24.5 फ़ायरिंग के चरम स्तर को पार कर गया है। पाकिस्तान में आर्थिक तंगी से हाहाकार मच गया है। दरअसल इसके पीछे एक कारण पाकिस्तान को करीब चार साल के लिए एफएटीएफ द्वारा तय टेरर फंडिंग को रोकने के लिए प्रतिबंध भी लगा दिया गया है, इसकी वजह से पाकिस्तान को धन संबंधी जोखिम में मुश्किल हुई और उसकी उद्योग-धंधे टूट गई।

सऊदी अरब और चीन ने मदद करने से रुके हाथ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इस मुश्किल वक्त में अपने देश को भूख से बचाने के लिए चीन से मदद की गुहार लगाई, लेकिन ड्रैगन ने अपनी मजबूरी बताकर सहायता करने से मना कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल मुनीर सऊदी अरब के पास बाउल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां से भी निराशा ही हाथ लगी। आइमैक्स और विश्व बैंक सहित अन्य संस्थान पाकिस्तान के न कर्ज चुकाने की सामर्थ्य को देखते हुए पहले ही दूर से वामादा था। बंधुआ पाकिस्तान को अब अपने लोगों को भूख से मरने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। ऐसे वक्त में अमेरिका ने फिर पाकिस्तान की मदद की है। एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका ने “जलवायु अनुकूल पाकिस्तान” विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बाढ़ से राहत, आर्थिक सुधार और पाकिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए 100 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता देने का फैसला किया है। ऐसे में अब अमेरिका की ओर से पाकिस्तान की मदद से कुल 200 मिलियन डॉलर हो जाएंगे।

अमेरिका के अपने हित के पीछे पाकिस्तान की मदद
पाकिस्तान की सहायता करने के लिए जब उसके सबसे करीबी भी हाथ खड़े कर रहे हैं तो ऐसे वक्त में भी अमेरिका उसकी मदद को आगे आया है। इसके पीछे अमेरिका के हित हैं। दरअसल पाकिस्तान को अमेरिका ने हमेशा से जासूसी का इनाम दिया है। वह पाकिस्तान से सिर्फ भारत के खिलाफ नहीं, बल्कि चीन और अफगानिस्तान के खिलाफ भी जासूसी की पहल कर रहा है। पाकिस्तान में अल-कायदा सरगना ओसामा रोलिंग लादेन को मारने का ऑपरेशन हो रहा है या फिर अफगानिस्तान में अलजवाहिरी का खात्मा… पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए न सिर्फ जासूस की, बल्कि उसे अपना एयरबेस भी दिखा रहा था। इसी तरह पाकिस्तान चीन के खिलाफ भी अमेरिका के लिए जासूसी करता है। ताकि अमेरिका से उसे धन मिल सके। अमेरिका पाकिस्तान का इस्तेमाल भारत पर दबाव बनाने और जासूसी करने के लिए भी करता है। यह वक्त अमेरिका और चीन में है। ऐसे में वह पाकिस्तान की मदद करके ड्रैगन के खिलाफ आरोपितों को और मजबूत करना चाहता है। जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान चीन के खिलाफ अपना एयरबेस भी अमेरिका को चुनने के लिए तैयार हो सकता है।

पाकिस्तानियों ने कहा कि अपने हुक्मरानों पर भरोसा नहीं करते
अमेरिका की इस मदद के बाद पाकिस्तान के लोग सोशल मीडिया पर कमेंट कर कह रहे हैं कि हमें अपने हुक्मरानों पर भरोसा नहीं रहा। पाकिस्तान के लोगों को इस दौरान खाने के लाले पड़ जाते हैं। उन्हें 41 अलग-अलग, गेंहू 57 अलग-अलग और दाल 200 अलग-अलग तरह से खरीद रहे हैं। ऐसे में खाने-पीने की स्थिति पाकिस्तानियों की पहुंच से दूर जा रही है। बहुत से पाकिस्तान सिर्फ एक वक्त का खाना ही कर पा रहे हैं। पाकिस्तान की दो दशकों की आबादी भुखमरी और गरीबी से त्राहि-त्राहि कर रही है। तंग और भूख से पाकिस्तान बेहाल नजर आ रहा है।

नवीनतम विश्व समाचार

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page